Legally Speaking: दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी ने SC में दाखिल की कैविएट अर्जी

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1.दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी ने SC में दाखिल की कैविएट अर्जी, पढ़े पूरी खबर विस्तार से

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को बीआरएस एमएलसी के कविता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दायर की है। जिसमें ईडी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के कविता की याचीका पर सुनवाई करे तो उनका पक्ष भी सुना जाए। बिना उनका पक्ष सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी न करे। के कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनके खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा जारी समन को चुनौती दी है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि तय मानदंडों के अनुसार, किसी महिला को ईडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जा सकता है और उसकी पूछताछ उसके आवास पर होनी चाहिए।

दरसअल 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती देने वाली कविता की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था

ईडी ने एमएलसी को 16 मार्च को फिर से पेश होने के लिए कहा है, लेकिन वह यह कहते हुए पेश नहीं हुईं कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को सुनवाई याचीका पर सुनवाई करेगा।

याचिका में के कविता ने कहा है कि उनके नाम प्राथमिकी में नहीं होने के बावजूद, केंद्र में सत्ताधारी राजनीतिक दल (बीजेपी) के कुछ सदस्यों ने याचिकाकर्ता को दिल्ली आबकारी नीति और उक्त प्राथमिकी से जोड़ते हुए निंदनीय बयान भी दिए।

2.मुंडका आग मामला: बिल्डिंग मालिक मनीष को 10 महीने के बाद मिली जमानत

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मुंडका बिल्डिंग आग मामले में आरोपी मनीष लाकड़ा को 10 महीने की हिरासत के बाद जमानत दे दी है। वह उस इमारत का मालिक है जहां 13 मई 2022 को आग लगने की घटना हुई थी जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। लकड़ा को 15 मई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) हेम राज ने शनिवार को लकड़ा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इससे पहले हाईकोर्ट ने 14 मार्च को निचली अदालत को मनीष लाकड़ा की जमानत याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस योगेश खन्ना ने निचली अदालत लकड़ा की जमानत याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया।

यह मामला 13 मई को मुंडका इलाके में आग लगने की घटना से जुड़ा है जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी।14 मई, 2022 को मुंडका पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 308/304/120बी/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसलिए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पत्नी सुनीता लाकड़ा और मां सुशीला लाकड़ा को जमानत दे दी। चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने उन्हें तलब किया था। चार्जशीट में उन्हें आरोपी बनाया गया था लेकिन जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।

3.एयर इंडिया “पेशाब की घटना” मामले में पीड़िता ने दाखिल की सुप्रीम कोर्ट में याचीका

एयर इंडिया के विमान में ‘पेशाब की घटना’ मामले में पीड़िता ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पीड़िता ने नागर विमान महानिदेशालय और एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं से निपटने के लिए वैधानिक अनिवार्य मानक संचालन प्रक्रियाएं बनाने की मांग की है। साथ ही नियमों को निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की है। इतना ही नही पीड़िता ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब परोसने की सीमा निर्धारित करने और घटना की मीडिया कवरेज़ पर रोक की मांग की है।

याचिका में दावा किया गया है कि घटना की मीडिया रिपोर्टिंग पीड़ित और आरोपी दोनों को पूर्वाग्रह से ग्रसित करती है। पीड़िता ने अपनी याचिका में मांग की है कि कंपनियां हवाईअड्डों और विमानों में अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे डीजीसीए के मानदंडों के अनुपालन में हो।

याचीका में यह भी मांग की गई कि श्रेणी के आधार पर बिना किसी भेदभाव के, परोसी जाने वाली शराब की मात्रा पर सीमा निर्धारित की जाए। इतना ही नही पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही इस मामले की कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाई जाए।

दरसअल एयर इंडिया के विमान में महिला से दुर्व्‍यवहार की घटना पिछले साल 26 नवंबर, 2022 की है। एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-नई दिल्ली उड़ान की ‘बिजनेस श्रेणी’ में सफर कर रहे नशे में धुत शख्‍स ने करीब 70 साल एक महिला सहयात्री पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था।

4.रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने का मामला: SC जल्द सुनवाई के भरोसा दिया

 

रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के तौर पर मान्यता देने की मांग वाली याचीका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई के भरोसा दिया हिया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को जल्द सुनवाई की मांग की।

दरसअल इसी साल 19 जनवरी को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श जारी है। केंद्र सरकार ने कहा था की संस्कृति मंत्रालय में इस प्रस्ताव पर फैसले के लिए विचार जारी है। जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को कहा था कि वो अपने दस्तावेज व सामग्री सरकार को दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने की बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचीका पर सुनवाई कर रहा है। स्वामी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पहली सरकार की तरफ से शुरू की गई विवादित सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ याचीका दाखिल की थी।अपनी जनहित याचिका में स्वामी ने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में राम सेतु पर परियोजना के लिए काम पर रोक लगा दी थी। बाद में केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने परियोजना के सामाजिक-आर्थिक नुकसान पर विचार किया है और राम सेतु को नुकसान पहुंचाए बिना शिपिंग चैनल परियोजना के लिए एक और मार्ग तलाश करने की कोशिश की जाएगी।

5.पालघर साधु मॉब लिंचिंग: सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई को SC तैयार

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पालघर साधु हत्या मामले में सीबीआई जांच करने की याचिका पर सुनवाई के लिए मंज़ूरी दे दी है। दरसअल महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल 2020 को 3 कार सवारों की, गढ़चिंचिले गाँव में उग्र भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। ये साधु एक कार में सवार अपने करीबी की शव यात्रा में शामिल होने गुजरात राज्य के सूरत जा रहे थे। सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका मृतकों के रिश्तेदार की ओर से डाली गयी थी। सोमवार को याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और न्यायाधीश जेबी पारदीवाला की पीठ को बताया कि इस मामले की सीबीआई जांच पर पहले महाराष्ट्र सरकार का रुख नकारात्मक था। मगर अब सरकार की ओर से भी सीबीआई जांच पर कोई आपत्ति नहीं है। इसलिए पीठ को सीबीआई जांच के आदेश कर देने चाहिए।

पालघर में पुलिस की मौजूदगी में उन्मादी भीड़ का शिकार बने मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरि, सुशील गिरी महाराज और नीलेश तेलगड़े के रूप में हुई थी।

6.ज़हर देकर पति की हत्या करने वाली अभियुक्त का वीडियो ट्रायल ही होगा- केरल हाईकोर्ट

केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम टिप्पणी में कहा है कि पति एवं अन्य लोगों को भोजन में साइनाइड देकर हत्या की अभियुक्त जोली अम्मा जोसेफ की वीडियो ट्रायल के जरिए ही सुनवाई होगी। अभियुक्त ने केरल उच्च न्यायालय में वीडियो ट्रायल को रोकने और फिजिकल ट्रायल की मांग की थी।जोली अम्मा इस मामले में मुख्य आरोपी है।

जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कोझिकोड सेशंस कोर्ट की वीडियो ट्रायल के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। जोलीअम्मा पर यह आरोप है के उसने अपने परिवारजनों के खाने में ज़हर मिलाया था। मामला 1997 का है, जॉली जोसेफ की शादी रॉय थॉमस से हुई थी। परन्तु जॉली का प्रेम प्रसंग किसी और के साथ चल रहा था।

दरसअल जॉली अम्मा पर यह आरोप है की उसने अपने प्रेमी की मदद से साइनाइड नामक ज़हर का इंतजाम किया था। पहले जॉली ने पुलिस को यह बताया था की उसके पति की मृत्यु हार्ट अटैक आने से हुई है। लेकिन बाद में रिश्तेदारों की शिकायत पर पुलिस ने कब्र खोदकर जांच की तो यह पता चला की जॉली ने ही ज़हर देकर अपने ससुरालवालों की हत्या की थी। 5 अक्टूबर 2019 को जांच एजेंसी ने जॉली जोसेफ और दो अन्य को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

7.इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ 28 मार्च को सरकारी वकीलों की तैनाती में धांधली मामले की सुनवाई करेगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को सरकारी वकीलों की तैनाती में धांधली के आरोप वाली याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। साथ ही निर्देश दिया है कि इस याचिका को साल 2017 में दायर जनहित याचिका से साथ संबंद्ध किया जाए। सरकारी वकीलों की तैनाती में होने वाली धांधली के संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर 28 मार्च को सुनवाई होगी।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस राजन रॉय की खंडपीठ ने यह आदेश महेंद्र सिंह पवार की 2017 में दायर जनहित याचिका पर दिया। इसमें, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में तैनात किए गए सरकारी वकीलों की नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप लगाकर कानून के तहत नियुक्ति किए जाने का आग्रह किया गया था।

इसके बाद पिछ्ले साल तीन स्थानीय वकीलों ने फिर एक याचिका दायर कर लखनऊ पीठ में तैनात किए गए स्थायी अधिवक्ता, ब्रीफ होल्डर्स की नियुक्ति सम्बंधी गत एक अगस्त के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी है।

दरसअल हाईकोर्ट ने बदलते वक्त के साथ राज्य सरकार की तरफ से सरकारी वकीलों की तैनाती प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव की जरुरत बताई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को अपनी पसंद के सरकारी वकील आबद्ध करने के हक से इनकार किए बगैर कहा था कि इनकी तैनाती को भिन्न पायदान पर देखना होगा। क्योंकि इनको सरकारी कोष से भुगतान किया जाता है,जो राज्य के लोगों का धन है। ऐसे में सरकारी वकीलों की तैनाती की प्रक्रिया भरोसेमंद व किसी भी मनमानेपन से मुक्त होनी चाहिए।

8. दिल्ली आबकारी नीति मामला:कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ाई

दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई वाले मामले में मनीष सिसोदिया की न्याययिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। इस मामले में सिसोदिया अब 3 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। दरअसल मनीष सिसोदिया अभी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं और उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था। आज सीबीआई केस में न्यायिक हिरासत खत्म होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया। वही मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा है कि जांच अभी भी जारी है और अहम मोड़ पर हैं।

गौरतलब है कि इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की रिमांड 22 मार्च तक के लिए ईडी को दे दी थी। जांच एजेंसी ने सिसोदिया को इसी महीने 9 मार्च को दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।

9. ज्ञानवापी विशेश्वर महादेव कार्बन डेटिंग प्रकरणःASI का जवाब न आने से हाईकोर्ट नाराज, 5 अप्रैल को सुनवाई

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले विशेश्वर महादेव शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग पर एएसआई का कोई जवाब आने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के पास आखिरी मौका है। अब इस मामले की सुनवाई 5 अप्रैल को होगी।

दरअसल हिंदू पक्ष ने शिवलिंग पर अपना दावा करने के साथ ही शिवलिंग की पूजा अर्चना का अधिकार मांगा है। इसके लिए हिंदू पक्ष ने यह भी कहा कि इस शिवलिंग की पूजा अतीत में होती रही है। कुछ मुस्लिम आक्रांताओं ने शिवलिंग को ढांक दिया और सनातन धर्म चिन्हों को मिटाने की कोशिश की।

हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा है कि चूंकि साबित हो चुका है कि मस्जिद के आहते में बना वजूखाना नहीं बल्कि शिवलिंग सहित प्राचीन अर्घा है, इसलिए उसकी विधिवत पूजा करने का अधिकार दिया जाए। हिंदू पक्ष ने यह भी कहा था कि मंदिर में देवताओं का अस्तित्व ध्वंस के बाद भी खत्म नहीं होता क्यों कि देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसके अलावा शिवलिंग खण्डित होने की अवस्था जलाभिषेक इत्यादि पूजा के योग्य होता है।

श्रंगारगौरी मंदिर प्रकरण में मस्जिद परिसर के निरीक्षण के लिए हाईकोर्ट से गठित कमीशन ने मस्जिद परिसर में 16 मई 2022 को शिवलिंग प्रकट होने की जानकारी कोर्ट को दी गई थी। इसपर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की तो हिंदू पक्ष ने कॉर्बन डेटिंग की अनुमति मांगी थी। इसका विरोध में मुस्लिम पक्ष ने किया लेकिन जिला जज वाराणसी ने 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी। जिस पर याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से सिविल रिवीजन दाखिल की गई है।

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