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- आधार और वोटर आईडी के बिना नहीं होगा वकीलों का नॉमिनेशन, बीसीडी ने जारी किया नया सर्कुलर
दिल्ली बार काउंसिल ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कानून स्नातकों को अब बार काउंसिल में नामांकन करते समय दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपना निवास साबित करने के लिए अपना आधार और मतदाता पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
6 अप्रैल, 2023 को हुई बैठक में किए गए अपने संकल्प के अनुसार, परिषद ने हाल ही में इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया।
सर्कुलर के अनुसार, वकीलों के निकाय ने कहा कि नए कानून स्नातक जो नामांकन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें अपने नामांकन आवेदन के साथ दिल्ली या एनसीआर से अपने आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र की एक प्रति शामिल करनी होगी।
अधिसूचना में कहा गया है, “अब से दिल्ली/एनसीआर के पते वाले आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र की प्रति के बिना कोई नामांकन नहीं किया जाएगा।”
यह पिछले मानदंड से एक बदलाव है, जिसमें कहा गया था कि नामांकन के लिए आवश्यक पते का प्रमाण केवल दिल्ली के पते के साथ किराए के समझौते की एक स्व-सत्यापित प्रति ही काफी थी।
2.’यूटीपी स्ट्रिप सर्च निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है’: विशेष न्यायाधीश शेल्के का सख्त निर्देश
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश बी.डी. शेल्के ने मुंबई सेंट्रल जेल के अधिकारियों को आदेश दिया कि वे स्कैनर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके व्यक्तिगत तलाशी लें।
पीठ ने कहा कि ”निश्चित तौर पर अंडर ट्रायल प्रिजनर्स (UTP) को नग्न कर तलाशी लेना उनके निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, यह अपमानजनक भी है।’इतना ही नहीं बल्कि असंसदीय भाषा या गंदी भाषा का इस्तेमाल करना भी UTP के लिए अपमानजनक है।”
विशेष पीठ 1993 के मुंबई बम धमाकों के एक आरोपी एकेएस (परिवर्तित नाम) द्वारा दायर एक शिकायत पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें व्यक्तिगत तलाशी लेने के लिए स्कैनर का उपयोग करने के लिए जेल अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
जज शेल्के ने यह भी कहा कि “यदि स्कैनरया इलेक्ट्रॉनिक गैजेट उपलब्ध नहीं हैं उसी परिस्थिति में यूटीपी की शारीरिक रूप नग्न कर जांच करने की आवश्यकता है मगर यूटीपी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना है, यूटीपी को अपमानित नहीं करना है, यूटीपी को नग्न नहीं करना है, गंदी भाषा या असंसदीय भाषा का उपयोग नहीं करना है।
एडवोकेट फरहाना शाह के अनुसार, जब एकेएस को अदालत में पेश होने के बाद वापस जेल ले जाया जाता है, तो प्रवेश द्वार पर सर्च गार्ड बॉडी चेक-अप करने के दौरान अन्य कैदियों और स्टाफ सदस्यों के सामने उसे नंगा कर देता है। जब उसने विरोध किया तो गार्ड ने उसके साथ बदसलूकी की, अपमानित किया और धमकी दी।
मुंबई केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि जेल अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए एक झूठा आवेदन दायर किया गया था।
अदालत ने कहा कि अन्य विचाराधीन कैदियों ने भी सर्चिंग गार्ड के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई थी।
नतीजतन, विशेष न्यायाधीश ने गार्ड को आवेदक को अपमानित किए बिना इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके जांच करने का आदेश दिया।
3. दिल्ली शराब घोटालाः सीबीआई ने अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए समन भेजा
शराब घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए समन भेजा है। समन जारी होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जिस दिन से उन्होंने दिल्ली विधानसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला है, उसी दिन से उन्हें पता था कि अब सीबीआई उन्हें तलब करेगी।
दिल्ली आबकारी पुलिस मामले में पूछताछ के लिए रविवार को केजरीवाल को सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के एक दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते उन्होंने कहा कि “केंद्रीय एजेंसियां शराब नीति की जांच में हमारे खिलाफ अदालतों से झूठ बोल रही हैं। गिरफ्तार लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उन पर और हम पर शिकंजा कसने का दबाव बनाया जा रहा है।”
आगे उन्होंने कहा, “सीबीआई ने शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया पर झूठा आरोप लगाया है। झूठे बयान हासिल करने के लिए लोगों को पीटा जा रहा है। फर्जी सबूत के लिए एजेंसियां लोगों को प्रताड़ित कर रही हैं। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए यह एक बेहतरीन नीति थी।”
दरअसल, सीबीआई ने 16 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब किया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होंगे और बेझिझक पेश होंगे।
दिल्ली में आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में सिसोदिया को ईडी और सीबीआई द्वारा 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार किया। बाद में 9 मार्च को तिहाड़ जेल में घंटों पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस फीस को बढ़ाया गया। लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को “अवैध” लाभ दिया और पता लगाने से बचने के लिए अपने खाते में गलत प्रविष्टियां कीं।
4. दिल्ली हाईकोर्ट ने पाइरेटेज कॉन्टेंट परोसने वाली 40 वेबसाइट्स को नेटफ्लिक्स की अवैध स्ट्रीमिंग से रोका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में 40 वेबसाइटों को नेटफ्लिक्स, डिज्नी, यूनिवर्सल सिटी स्टूडियो और अन्य मनोरंजन फर्मों से स्ट्रीमिंग, होस्टिंग, या सार्वजनिक तौर पर मूल कॉपीराइट सामग्री बनाने से रोक दिया है।
यूनिवर्सल सिटी स्टूडियोज एलएलसी, वार्नर ब्रदर्स एंटरटेनमेंट इंक, कोलंबिया पिक्चर इंडस्ट्रीज, इंक, नेटफ्लिक्स स्टूडियोज, एलएलसी, पैरामाउंट पिक्चर्स कॉरपोरेशन और डिज्नी एंटरप्राइजेज ने 40 वेबसाइटों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक रिट याचिका दायर की थी।
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अमित बंसल ने इस याचिका पर फैसला सुनाया कि इंटरनेट और दूरसंचार सेवा प्रदाता इन वेबसाइट्स के यूआरएल और संबंधित आईपी एडरेस को अवरुद्ध करना सुनिश्चित करें।
अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग को तत्काल कदम उठाने और सभी इंटरनेट और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उनके तहत पंजीकृत वेबसाइटों को अवरुद्ध करने के लिए आवश्यक अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया।
इस प्रकरण में आगे की सुनवाई 29 अगस्त, 2023 को की जाएगी।
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