Legally News : आंध्रा के पूर्व मंत्री के हत्यारोपी की गिरफ्तारी स्टे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

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पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी
पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी
Aaj Samaj (आज समाज),दिल्ली:
1. आंध्रा के पूर्व मंत्री के हत्यारोपी की गिरफ्तारी स्टे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में लोकसभा सदस्य वाई एस अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले आदेश देने को चुनौती देने वाली अपील पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सनसनीखेज हत्या के मामले में नेता को अंतरिम अग्रिम जमानत देने पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा की दलीलों पर ध्यान दिया।

पीठ ने कहा, हम इसे कल (शुक्रवार को) सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे। शुरुआत में, पीठ ने कहा कि वह 28 अप्रैल को तेलंगाना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी।

लूथरा ने कहा कि उच्च न्यायालय वाई एस अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पर एक विस्तृत आदेश पारित करने वाला है और अगर जमानत दी जाती है तो याचिका निरर्थक हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही अनूठा मामला है जहां आरोपी विधायक द्वारा राजनीतिक संरक्षण का फायदा लेने के कारण जांच को आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के हैदराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह वर्तमान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी संबंधित हैं। पीठ ने कहा, तब तो इसे कल ही सुनेंगे’

आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।

2.नरोदा गाम हिंसा मामले में माया कोडनानी-बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को अहमदाबाद की विशेष कोर्ट ने बरी किया

गुजरात के नरोदा गाम दंगे मामले में गुरुवार को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत गुजरात की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 68 आरोपियों को को बरी कर दिया है। कुछ दिन पहले विशेष अभियोजक सुरेश शाह ने मीडिया को बताया था कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने 2010 में शुरू हुए मुकदमे के दौरान क्रमशः 187 और 57 गवाहों का परीक्षण किया और लगभग 13 साल तक चले इस मामले में छह न्यायाधीश सुनवाई कर चुके हैं। सितंबर 2017 में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह भाजपा नेता माया कोडनानी के पक्ष में गवाह के रूप में अदालत के समक्ष पेश हुए थे क्योंकि कोडनानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें यह साबित करने के लिए बुलाया जाए कि घटना के दिन वह (माया कोडनानी) गुजरात विधानसभा में और बाद में सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं, न कि नरोदा गाम में, जहां नरसंहार हुई था।

दरअसल, 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में कुल 11 लोग मारे गए थे। इस मामले में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत86 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, हालांकि 86 में से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है।

27 फरवरी 2002 को कारसेवकों से भरी एक ट्रेन पर दंगाईयों ने हमला कर कर दिया गया था। गोधरा ट्रेन कांड में 58 कारसेवकों की हत्या कर दी गई थी। इसके ठीक एक दिन बाद अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में हिंसा हो हुई थी।