नईदिल्ली। देश मेंकोरोना संक्रमण ने तेजी सेपांव पसार कर अपनी तीव्रता से तबाही मचा दी है। हर दिन लोगोंको इस महामारी से जूझना पड़रहा है। कईराज्योंमेंइस महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया है और पाबंदियां भी जारी हैं। हजारों लाखों लोग बेजरोगार हो गए हैं। कोरोना महामारी की कहानी यहीं नहीं समाप्त हो ती है। कई लोगोंमेंकोरोना संक्रमण से उबरने के बाद एक और बीमारी केलक्षण देखने को मिल रहेहैंजो काफी खतरनाक है। कोरोना संक्रमण से उबरनेवाले मरीजों मेंअकसर ब्लैक फंगस की समस्या देखनेको मिल रही है। राजस्थान सरकार नेतो इसे महामरी घोषित कर दिया हैजबकि अन्य राज्य भी कोरोना के बाद होने वाले ब्लैक फंगस इंफेक्शन केलिए अस्पतालों मेंअलग वार्डबनवा रहेहैं। इससे लड़ने के लिए भी तैयारी कर रहे हैं। एक बार कोरोना महामारी से उबर जाने के बाद भी ब्लैक फंगस का शिकार होनेकेकारण जान गंवाने का खतरा बना रहता है। कई मरीज अब तक ऐसे आ चुके हैं जिनकी मौत ब्लैक फंगस के कारण हुई है। वहींबड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्हेंइस संक्रमण के चलते आंखोंकी रोशनी गंवानी पड़ी। राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से ब्लैक फंगस बीमारी से जुड़ी जानकारियोंको लेकर गाइडलाइंस जारी की है। ब्लैक फंगस के लक्षण, बचाव और इलाज केबारे ये हैंजानकारियां….
किन लोगोंको हैब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा
– कोरोना के इलाज केदौरा स्टेरॉयड का प्रयोग करने वालेऔर जिनका डायबिटीज अनियंत्रित रहता है उन्हें इसका खतरा ज्यादा है।
– कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से संक्रमण के दौरान आॅक्सीजन स्पोर्ट पर रहने वालेमरीजोंकेलिए यह खतरा है। साथ ही सांस संबंधी बीमारियों और एंटी कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे लोगों को यह समस्या होती है।
– जिन लोगों को कोरोना सेठीक करने के लिए स्टेरॉयड की हाई डोज दिया गया हो वह भी ब्लैक फंगस के शिकार हो सकतेहैं।
ब्लैक फंगस के लक्षण
– नाक से खून आना या फिर काला सा कुछ पदार्थ निकलना।
– नाक बंद होना, सिर दर्द होना या फिर आंखों में जलन और दर्द होना। आंखों के आसपास सूजन होना। डबल विजन, आंखें लाल होना, दृष्टि कमजोर होना, आंखें बंद करने में परेशानी होना, आंखें खोलने में दिक्कत होना आदि।
– दांतों में दर्द हो, चबाने में कष्ट हो या फिर उल्टी और खांसने में खून आए।
बीमारी होने पर इलाज रें
– ब्लैक फंगस होने पर किसी नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
– नियमित इलाज कराएं और उसका फॉलोअप लें। डायबिटीज के मरीज हैं तो फिर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का प्रयास करें और उसकी मॉनिटरिंग करते रहें।
-कोई भी दवा स्वयं लेनेकी गलती न करें। डाक्टर की सलाह पर ही दवा लेंहालांकि अगर पहले से हार्टया बीपी शुगर की दवा ले रहे हों तो वह लेते रहें। अपने मन से न कोईपहले से चल रही दवा बंद करें और न ही कोईदवा अपनेमन सेलें। दवा केबारे मेंडाक्टर से सलाह लेकर ही डाक्टर केअनुसार चलें।