आज समाज डिजिटल, (Lunar Eclipse) : साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण कल 8 नवंबर मंगलवार को लगने वाला है। कल कार्तिक पूर्णिमा भी है। वैसे तो यह चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा लेकिन कुछ स्थानों पर इसका प्रभाव आंशिक ही रहेगा। 08 नवंबर को शाम के समय जैसे ही चंद्रोदय होगा उसी समय चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
भारत में सबसे पहले अरूणाचल प्रदेश में दिखेगा ग्रहण
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया है कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) की आंशिक एवं पूर्णावस्था का आरंभ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी। चंद्र ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा।
भारत में सबसे पहले अरूणाचल प्रदेश में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। यहां भी सबसे पहले ईटानगर में दिखाई देगा। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण जबकि बाकी जगहों पर आंशिक चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण दिखने के कारण इसका सूतककाल मान्य होगा। भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, आस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का समय और समापन
कल 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण की शुरूआत भारत में शाम 4 बजकर 23 मिनट से होगी। चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 28 मिनट पर है। वहीं चंद्र ग्रहण का समापन 6 बजकर 19 मिनट पर होगा। (chandra grahan 2022 in india date and time november)
कितने बजे लगेगा सूतक
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाएगा। भारत में सूतक कल 8 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण पर सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है। इनके अलावा खाना बनाने और खाने से परहेज करें। हालांकि वृद्धजनों और गर्भवती महिलाओं के लिए खाने पीने की छूट है। सूतक से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल दें लेकिन पत्ते को सूतक लगने से पहले ही तोड़ लें।
चंद्र ग्रहण के समय ये काम न करें
- चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा भी वर्जित है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
- इस दौरान नंगी आंखों से चंन्द्रमा को नहीं देखना चाहिए।
- चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।
- चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
- चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर जाने से बचें।
- ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा
मेष- साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लग रहा है। आपके लिए यह ग्रहण अशुभ और हानि पहुंचाने वाला रहेगा। इसलिए कोई भी नया काम करने से पहले अलर्ट रहे।
वृष- यह चंद्र ग्रहण आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा। धन हानि और मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है।
मिथुन-आपके लिए यह चंद्र ग्रहण अच्छा रह सकता है। शुभ फल और करियर-कारोबार में अच्छा फायदा हो सकता है।
कर्क- कार्यों में सफलताएं प्राप्ति होंगी। मेहनत का अच्छा फल मिलेगा।
सिंह- आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में अच्छे पद की प्राप्ति हो सकती है।
कन्या- इस राशि के जातकों का इस चंद्र ग्रहण के कारण कष्ट सहने पड़ सकते हैं।
तुला- कुछ परेशानियां आ सकती हैं। धन हानि होने से आपके काम बिगड़ सकते हैं। संभलकर चलें।
वृश्चिक- आपको धैर्य बनाएं रखना होगा नहीं तो यह ग्रहण आपको काफी नुकसान देने वाला हो सकता है। सावधानी बरतें।
धनु- आपको सेहत संबधित कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
मकर- इस राशि के जातकों को धन की हानि, मुकदमों में हार का सामना करना पड़ सकता है।
कुंभ- इस राशि के जातकों को लाभ और सौभाग्य में वृद्धि के योग हैं।
मीन- ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
ये भी पढ़ें : दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, कल से स्कूल बंद
ये भी पढ़ें : नवम्बर में ये 5G स्मार्टफोन होंगे लॉन्च, जानिए फीचर्स से लेकर कीमत तक सारी जानकारी
ये भी पढ़ें : Morbi Bridge Collapse : 143 साल पुराना मोरबी पुल, 143 से ज्यादा मौतें, कितनी लापरवाहियां, कितने गुनाहगार, आगे क्या होगा