यमुनानगर। उपायुक्त गिरीश अरोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में फसल विविधीकरण योजना के तहत धान की बजाय पानी की बचत वाली दूसरी फसलों की बिजाई करने के इच्छुक किसान अब योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 15 जुलाई तक पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि पहले 25 जून निर्धारित की गई थी। जिसे अब 15 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।
उपायुक्त गिरीश अरोरा ने जिला के किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए पानी की बचत करने के मकसद से इस योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर कम पानी लागत वाली वैकिल्पक फसलों कपास, मक्का, दलहन, मूगंफली, तिल, ग्वार, अरण्ड, सब्जियां व फल की बिजाई करने पर उन्हें 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो किसान धान की जगह चारा उगाते हैं या अपने खेत खाली भी रखते हैं। उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। बाजरा की फसल की बिजाई करने वाले किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
डीसी ने बताया कि पिछले साल मेरा पानी, मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को इस साल भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है, लेकिन उसके लिए किसानों को धान के खेत में उसी वैकल्पिक फसल की बुवाई जारी रखनी होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी, मेरी विरासत और मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
उपायुक्त गिरीश अरोरा ने जिला के किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए पानी की बचत करने के मकसद से इस योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर कम पानी लागत वाली वैकिल्पक फसलों कपास, मक्का, दलहन, मूगंफली, तिल, ग्वार, अरण्ड, सब्जियां व फल की बिजाई करने पर उन्हें 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो किसान धान की जगह चारा उगाते हैं या अपने खेत खाली भी रखते हैं। उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। बाजरा की फसल की बिजाई करने वाले किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
डीसी ने बताया कि पिछले साल मेरा पानी, मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को इस साल भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है, लेकिन उसके लिए किसानों को धान के खेत में उसी वैकल्पिक फसल की बुवाई जारी रखनी होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी, मेरी विरासत और मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।