Haryana News Chandigarh (आज समाज) चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने चुनावी मौसम में मुख्यमंत्री शहरी और ग्रामीण आवास योजनाओं में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.80 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले भूमिहीन गरीब लोगों को प्रदेश सरकार 50 से 100 वर्ग गज के प्लाट आवंटित करेगी। प्रदेश के बड़े यानी महाग्रामों में 50-50 गज के प्लाट दिए जाएंगे, जबकि सामान्य गांवों में 100-100 गज के प्लाट मिलेंगे। हरियाणा सरकार अपने सरकारी खजाने से पंचायतों से इन प्लाटों के लिए जमीन खरीदेगी और गरीब लोगों को प्लाट उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह अहम फैसला हुआ है। पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने 20 हजार से अधिक गरीब लोगों को उनके बचे हुए प्लाट आवंटित किए थे, जबकि जिन लोगों को प्लाट नहीं मिल पाए थे, उनके खातों में एक लाख रुपये डालने की प्रक्रिया अपनाई गई थी।
1.80 लाख वार्षिक आय वाले को माना जाएगा गरीब
अब सरकार ने नये चिन्हित होने वाले गरीबों के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का दायरा बढ़ाते हुए उसे संशोधित प्रारूप में लागू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार की नजर में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में दर्ज 1.80 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को गरीब माना जाएगा और ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा, जो भूमिहीन हैं अथवा जिनके पास पहसे से रहने के लिए कोई अपना अथवा सरकार का दिया हुआ प्लाट नहीं है।
मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना में संशोधन को मिली मंजूरी
मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए सीएम नायब सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना में भी संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले शहरी परिवारों की आवास जरूरतों को पूरा करना है। संशोधित नीति के तहत जिन लाभार्थियों को 30 गज का प्लाट मिला है, उन्हें भुगतान करने के लिए अधिक समय सीमा दी गई है।
इस प्रारूप में देनी होंगी प्लाट की किस्तें
मुख्यमंत्री के अनुसार अब से पहले प्लाट का ड्रा होने के बाद प्लाट मिलने वाले आवेदकों को एक माह में 10 हजार रुपये की दूसरी किस्त और बाकी 80 हजार रुपये की राशि छह किस्तों में देनी होती थी। अब 10 हजार रुपये की दूसरी किस्त प्रोविजनल अलाटमेंट लेटर मिलने के दो माह बाद तक जमा करा सकेंगे, जबकि शेष बचे 80 हजार रुपये की राशि प्लाट का एलओआइ जारी होने की तिथि से तीन साल में मासिक किस्तों में जमा की जा सकेगी। राज्य सरकार की नजर में प्लाट की कीमत एक लाख रुपये है।