प्लांट की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण करेगा उपयोग

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : सीएम की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया कि बठिंडा थर्मल प्लांट की भूमि का आने वाले दिनों में उचित उपयोग किया जाएगा। इसके लिए मंत्रिमंडल ने थर्मल पावर प्लांट बठिंडा की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण को आवासीय/वाणिज्यिक स्थानों, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बस स्टैंड, ईएसआई अस्पताल और स्कूलों के लिए उचित उपयोग करने और 1235 एकड़ भूमि को पीएसपीसीएल को वापस करने का फैसला भी किया।

इसके अलावा थर्मल प्लांट की लगभग 173 एकड़ भूमि में स्थित तीन झीलों का प्रशासनिक नियंत्रण बठिंडा विकास प्राधिकरण के पास रहेगा, जबकि मालिकाना हक पीएसपीसीएल के पास रहेगा। इस क्षेत्र को बठिंडा विकास प्राधिकरण द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे यह शहर पर्यटन केंद्र बन जाएगा। इससे होने वाला लाभ विभाग की 80:20 नीति के तहत पीएसपीसीएल और बठिंडा विकास प्राधिकरण के बीच बांटा जाएगा।

हाउसिंग विभाग की ई-नीलामी नीति में संशोधन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने हाउसिंग और शहरी विकास विभाग की ई-नीलामी नीति में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। सितंबर 2024/अक्टूबर 2024 में की गई ई-नीलामी के बाद प्राप्त फीडबैक के आधार पर और नोएडा, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, एचएसवीपी और जयपुर विकास प्राधिकरण जैसी अन्य विकास प्राधिकरणों की ई-नीलामी नीतियों को ध्यान में रखने के बाद नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसका उद्देश्य अधिकतम राजस्व उत्पन्न करना है।

बड़े स्थानों को छोड़कर सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए योग्यता शुल्कों में वृद्धि की गई है और लगातार दो नीलामियों के बाद न बिकने वाली संपत्तियों की आरक्षित कीमत को कम करने के लिए फॉमूर्ला तैयार किया गया है। यदि संशोधन के अनुसार दो लगातार नीलामियों में प्लॉट/स्थान की बिक्री नहीं होती है, तो संबंधित प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक के स्तर पर आरक्षित कीमत में 7.5 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

बैठक में यह निर्णय भी लिया गया

यदि अगली दो लगातार नीलामियों में भी प्लॉट/स्थान की बिक्री नहीं होती है, तो संबंधित प्राधिकरण में मुख्य प्रशासक के स्तर पर मूल तय आरक्षित कीमत में 7.50 प्रतिशत (पहली नीलामी की मूल तय आरक्षित कीमत का कुल 15 प्रतिशत) की और कटौती की जाएगी। यदि अगली दो लगातार नीलामियों में भी प्लॉट/स्थान की बिक्री नहीं होती है, तो हाउसिंग और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर पहली नीलामी की मूल तय आरक्षित कीमत में 7.50 प्रतिशत (पहली नीलामी के लिए मूल तय आरक्षित कीमत का 22.50 प्रतिशत) की कटौती होगी।

यदि ऊपर बताई गई आरक्षित कीमत में 22.50 प्रतिशत की कटौती के बावजूद संबंधित प्लॉट/स्थान की अगली दो लगातार नीलामियों में बिक्री नहीं होती है और संबंधित प्राधिकरण की यह धारणा बनती है कि आरक्षित कीमत में 22.50 प्रतिशत से अधिक कटौती की आवश्यकता है, तो संबंधित प्राधिकरण इस कटौती के लिए आवश्यक तर्क के साथ मामला वित्त और लेखा समिति/बजट और समीक्षा समिति के समक्ष रख सकती है।

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