Land Erosion : यमुना में पानी का जलस्तर कम होने पर भूमि कटाव का कहर जारी

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Land Erosion
हथवाला घाट के पास कई दिन पहले किसानों के जाने वाले कच्चे रास्ते पर भूमि कटाव
Aaj Samaj (आज समाज),Land Erosion, पानीपत :  यमुना में पानी का जलस्तर भले ही कम हो गया हो लेकिन भूमि कटाव पीछा नहीं छोड़ रहा। तामशाबाद, सनौली खोजकीपुर व हथवाला घाट पर ठोकरों के पास भूमि कटाव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर नहरी विभाग की ओर से छापे लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल में पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते फिलहाल यमुना में  30 से 40,000 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। जिससे यमुना में पानी की गहराई 40 फुट से अधिक है। उधर यमुना के साथ लगते गांव में स्थिति पर नजर रखने के लिए करीब 100 के आसपास डीसी रेट पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जिसके बारे में अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है।
  • कटाव को रोकने के लिए छापे लगाने का काम शुरू

नहरी विभाग की ठोकरें भी जलमग्न हो गई

उधर विभाग ने यमुना में पानी का जलस्तर कम होने के बाद डैमेज ठोकरों का आकलन किया जाएगा ।जिसकी एजेंडा रिपोर्ट बना कर सरकार को भेजी जाएगी। ज्ञात रहे कि जुलाई माह में हथिनी कुंड बैराज से पहले मुख्य रूप से करीब 3 लाख दस हजार के  बाद ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे यमुना उफान पर होने के कारण तामशाबाद, संजौली, खोजकीपुर हथवाला घाट हरियाणा यूपी पुल आदि साथ लगते गांव के खेतों की फसलें जलमग्न हो गई थी। इसके साथ ही भूमि कटाव ने कहर बरपाते हुए जमीन समेत कट कर यमुना के पानी में समा गई। यहां तक कि नहरी विभाग की ठोकरें भी जलमग्न हो गई। इसमें किसानों को भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था। जिसको लेकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी, यमुना उफान होने के चलते नहरी विभाग व बिजली निगम को भी अलर्ट रखा गया। जिसको लेकर विभाग की ओर से स्थिति पर नजर रखने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई।

खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है

उधर गांव हथवाला के कुछ किसानों ने बताया था कि वर्ष 2022 में गांव के घाट के नजदीक विभाग द्वारा दो नई ठोकरे बनाई गई, लेकिन ठोकरें गलत बनाए जाने पर किसानों ने इसका विरोध किया था जिसका हर्ष यह हुआ कि इस बार यमुना उफान पर होने के कारण भूमि कटाव के चलते खेतों में खड़ी धान व अन्य फसलें जमीन समेत कटकर यमुना के पानी में समा गई और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यहां पर विभाग की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं की गई। इससे पहले यमुना के पानी ने किसानों के खेतों में जाने वाले दो कच्चे रास्तों को अपनी चपेट में ले लिया था और तीसरे रास्ते पर फिलहाल भी कटाव का कहर जारी है।

यमुना के साथ लगते क्षेत्रों में करीब डीसी रेट पर करीब 100 कर्मचारियों को तैनात

यमुना में पानी का जलस्तर कम होता जा रहा है। लेकिन एक बार फिर कटाव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। इस संबंध में नहरी विभाग के पानीपत सब डिवीजन के एसडीओ सर्वजीत ने बताया कि फिलहाल यमुना में 30 से 40,000 क्यूसेक पानी बह रहा है। स्थिति कंट्रोल में है। लेकिन तामशाबाद, संजौली खोजकीपुर व हथवाला घाट के पास बनाई गई ठोकरो के नजदीक भूमि कटाव को रोकने के लिए छापे लगाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पानी का जलस्तर कम होने के बाद डैमेज ठोकरों का आकलन किया जाएगा, जिसका एजेंडा बनाकर सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि यमुना के साथ लगते क्षेत्रों में करीब डीसी रेट पर करीब 100 कर्मचारियों को तैनात किया गया है जिनसे रिपोर्ट ली जा रही हैं।