- करनाल में रोड समुदाय का सबसे सशक्त और लोकप्रिय चेहरा ललित बुटाना है, जिनके परिवार ने पं. जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े का दिया साथ
- साढ़े छह दशक से ललित बुटाना का परिवार हरियाणा का सबसे लोकप्रिय राजनीतिक परिवार रहा
Aaj Samaj (आज समाज),Karnal News, प्रवीण वालिया, करनाल,28 मार्च : भाजपा द्वारा रोड बिरादरी का लोकसभा में टिकट काटने के बाद नाराज और हताश रोड समुदाय अब कांग्रेस की तरफ आशा की निगाह से देख रहा है। यदि कांग्रेस रोड बिरादरी को करनाल लोकसभा का टिकट देती है तो लगभग छह से सात सीटों पर कांग्रेस को फायदा होगा। करनाल में रोड बिरादरी से सबसे विश्वसीनय और असरदार चेहरा ललित बुटाना का है। जिनका परिवार पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े के साथ जुड़ा रहा है। भले ही ओर नेता कांग्रेस छोडकऱ अन्य दलों में जाते रहे हो, लेकिन ललित बुटाना उनके पिता चौ. चंदा सिंह कांग्रेस के साथ मजबूती से जुड़े रहे।
वहीं पर ललित बुटाना भी आज तक कांग्रेस के साथ जुड़े हुए है। बताया जाता है कि रोड समुदाय जिसके साथ भी लगा है उसको हरियाणा में दस सीटों पर जीतने में मुश्किल नहीं हुई। इतिहास गवाह है कि आज तक कांग्रेस और भाजपा ने रोड समुदाय को कभी भी लोकसभा का टिकट नहीं दिया। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता कुमारी शैलजा भरोसा दिला चुकी है कि रोड बिरादरी को एक टिकट जरूर देंगे। करनाल लोकसभा में लगभग दो से अढ़ाई लाख रोड बिरादरी के वोट है। यहां से जब बसपा ने रोड बिरादरी को टिकट दिया था तो उस पार्टी का प्रत्याशी नम्बर दो पर रहा था। यदि कांग्रेस रोड समुदाय के सशक्त प्रतिनिधि ललित बुटाना को टिकट देती है तो निश्चित यह सीट कांग्रेस की झोली में जाएगी। इसका फायदा कुरुक्षेत्र, सोनीपत और हिसार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी लगभग छत्तीस से चालीस सीटों में फायदा होगा।
ललित बुटाना दयाल सिंह कालेज से ही छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। वह 1981-82 में दयाल सिंह कालेज यूनियन के सचिव बने, उसके बाद वह कुलदीप शर्मा की अध्यक्षता वाली जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे। वह 1981-82 में एन.एस.यू.आई के वाइस चेयरमैन रहे। इसके अलावा सन-1984 में वह युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष और गांव बुटाना के पंचायत मेंबर रहे। वहीं ललित बुटाना शमशेर सुरजेवाला की जेल यात्रा पदयात्रा में अम्बाला, चंडीगढ़ में शामिल रहे। वह अनेक कमेटियों में रहते हुए 2004 से 2014 तक हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के सदस्य रहे। ललित बुटाना किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त समन्वयक के साथ राजस्थान के इंचार्ज रहे। उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ हरियाणा सरकार में कई जिम्मेदारियां निभाई। उनके पिता पूर्व मंत्री चौ. चंदा सिंह पचास के दशक से कांग्रेस के साथ सक्रिय राजनीति में जुड़े रहे। वह दो बार नीलोखेड़ी विधानसभा से चुनाव जीते। वह दो बार चौ. बंसी लाल व चौ. भजन लाल की सरकार में मंत्री रहे।
इससे पहले उन्होंने 1962 में भारत और चाइना युद्ध के दौरान भारत सरकार का सहयोग किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को गांव किरमच में उन्हें चांदी के आभूषण भेंट किए थे। इसके अलावा उनके पिता पंचायत सदस्य से लेकर भूमि विकास बैंक, नेफेड नेशनल राइस डेवलपमेंट काऊंसिल, नेशनल ज्वाईंट फार्मिंग एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन तथा वल्र्ड एसोसिएशन ऑफ वल्र्ड फेडरलिस्टस के चेयरमैन रहे। चौ. चंदा सिंह दो बार सर्वसम्मति से ब्लॉक समिति नीलोखेड़ी के चेयरमैन रहे। यदि करनाल का इतिहास देखा जाएं तो करनाल से आज तक कोई रोड बिरादरी के प्रतिनिधि को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। इस बार भाजपा ने जिस तरह से हरविन्द्र कल्याण और वेदपाल एडवोकेट को टिकट न देकर रोड बिरादरी की उपेक्षा की उससे लोगों में काफी नाराजगी है। भाजपा में रोड समुदाय के समर्थक भी टिकट मिलने पर ललित बुटाना के साथ बड़ी संख्या में लग सकते है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जोरदार टक्कर दे सकते है। करनाल के लोग दो बार पंजाबी प्रत्याशी को देखने के बाद अब करनाल के लोग परिवर्तन चाहते है। यदि देखा जाएं तो करनाल की सीट काफी हॉट सीट मानी जा रही है। करनाल से दो बार पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव लड़ चुके है। इनमें एक भगवत दयाल शर्मा को सांसद बनने के कुछ दिन बाद राज्यपाल बनाकर भेज दिया था। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजन लाल करनाल से चुनाव हारे। अब चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में है।
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