Ladakh Border Dispute: पूर्वी लद्दाख में बहाल होगी 2020 जैसी स्थिति, भारत के बाद चीन ने भी की समझौते की पुष्टि

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Ladakh Border Dispute: पूर्वी लद्दाख में बहाल होगी 2020 जैसी स्थिति, भारत के बाद चीन ने भी की समझौते की पुष्टि
Ladakh Border Dispute: पूर्वी लद्दाख में बहाल होगी 2020 जैसी स्थिति, भारत के बाद चीन ने भी की समझौते की पुष्टि

India-China Ralationship, (आज समाज), नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 2020 से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है। दरअसल, लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच एक समझौते पर सहमति बनी है जिसकी जानकारी भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Foreign Secretary Vikram Misri) ने सोमवार को दी थी। इसके बाद चीन ने भी भारत के साथ इस समझौते की पुष्टि की है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान का बयान

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान (lin jian) ने कहा है कि चीन व भारत ने बॉर्डर से संबंधित मुद्दों पर सैन्य चैनलो और कूटनीति के माध्यम से घनिष्ठ संचार बनाए रखा है। चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, लिन जियान से विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग पर चीन-भारत के बीच कथित समझौते पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह बात कही।

प्रासंगिक समाधान पर पहुंचे दोनों देश : लिन जियान 

बता दें कि यह पहली बार है, जब भारत-चीन के बीच बनी सहमति को लेकर बीजिंग की ओर से कोई बयान दिया गया है। लिन जियान ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष लगातार सपंर्क में हैं और बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश परस्पर एक प्रासंगिक समाधान पर पहुंच गए हैं, जिसे बीजिंग सकारात्मक रूप से देखता है। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कह, अगले चरण में, चीन समाधान योजना को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए भारत संग काम करेगा।

गतिरोध वाले अन्य प्वाइंट्स को लेकर हुआ समझौता : भारत

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) स्थित गतिरोध वाले अन्य प्वाइंट्स पर भारत-चीन के बीच गश्त के लिए एक समझौते पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि बीते कई सप्ताह से भारत-चीन के राजनयिक और सैन्य वार्ताकार कई मंचों पर एक-दूसरे के संपर्क में हैं। इस चर्चा का नतीजा अब सामने आया है कि भारत-चीन के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बनी है। इस समझौते के तहत दोनों सेनाओं के सैनिकों की वापसी होगी और 2020 में उठे मुद्दों का सॉल्यूशन होगा। विक्रम मिस्त्री ने कहा, हम अपनी तरफ से इस पर अगला कदम उठाएंगे।

इन इलाकों से पीछे हटेंगे सैनिक

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सहमति इस पर बनी है कि डेमचॉक (Demchok) और देपसांग (Depsang) क्षेत्रों में जहां पेट्रोलिंग (patrolling) ब्लॉक है, वहां सैनिक पीछे हटेंगे और गश्त यानी पेट्रोलिंग दोबारा शुरू होगी। दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटकर अपनी पुरानी पोजिशन पर वापस जाएंगी, जैसा कि अप्रैल 2020 से पहले था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस बीच एक कार्यक्रम में कहा कि हम 2020 वाली स्थिति पर पहुंच गए हैं और हम वहीं पेट्रोलिंग करेंगे, जहां 2020 में कर रहे थे।

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