विचारों की भिन्नता व विविधता प्रकृति का वरदानः प्रोफेसर कुठियाला
कुरुक्षेत्र, 6 जुलाई। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान एवं पंचनद शोध संस्थान कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में “समाज में व्यापक वैमनस्यः संवादहीनता व मध्यस्थता“ विषय पर एकदिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि सामाजिक समरसता वर्तमान समय की मांग है क्योंकि एक समय था जब सामाजिक झगड़े पंचायत में बैठकर निपटा दिए जाते थे और कोर्ट कचहरी का प्रचलन बहुत कम था। पहले सामाजिक भाईचारा को निभाना ही परोपकार माना जाता था परंतु आज की परिस्थितियों वह सामाजिक रिश्ते काफी बदल चुके हैं। इसलिए इस विषय पर विचार करने की जरूरत है।
इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व अध्यक्ष हरियाणा उच्चतर शिक्षा काउंसिल प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला ने अपने वक्तव्य में कहा के मन-मस्तिष्क में पहले से ही पाँच ज्ञानेंद्रियों से प्राप्त जानकारियों से विचारों का संसार बनाया जाता है। विचार पर आधारित अभिव्यक्ति, व्यवहार व सम्बन्ध निर्धारित किए जाते हैं ओर विचारों की भिन्नता व विविधता प्रकृति का वरदान होता है। प्रोफेसर कुठियाला ने कहा कि विरोध में वैमनस्य समाज के लिए घातक है और असंवाद बहुत प्रभावी संवाद होता है। असहमति व विरोध के निवारण लिए मध्यस्थता एक प्रभावी उपाय है। उन्होंने कहा क मध्यस्थता से जीओ और जीने दो का मंत्र जाप होना चाहिए। बुद्धिशील वर्ग पर असहमतियों के लिए सहमतियों के वातावरण बनाने का दायित्व है।
पंचनद अध्ययन केंद्र कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष डॉ. मधुदीप सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया, पंचनद अध्ययन केंद्र के उपाध्यक्ष कवरदीप शर्मा ने मंच का संचालन करते हुए विषय के बारे में बताया। केयू यूआईईटी के निदेशक प्रोफेसर सुनील ढींगरा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
इस कार्यक्रम में कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर से पंचनद अध्ययन केंद्र के सदस्यों ने भागीदारी ली। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. संजीव अरोड़ा, डॉ. रामचंद्र, डॉ. सीडीएस कौशल, डॉ. संजय गोयल प्रिंसिपल आरकेएसडी कॉलेज, डॉ. मनोज कुमार प्रिंसिपल पीजी गर्ल्स कॉलेज व सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।