चैत्र नवरात्रि : चौथे दिन कूष्मांडा माता को ऐसे प्रसन्न करें Kushmanda Mata Blessings

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Kushmanda Mata Blessings

आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Kushmanda Mata Blessings  : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुष्मांडा माता का यह रूप देवी पार्वती के विवाह से लेकर कार्तिकेय की प्राप्ति के बीच का है। कुष्मांडा माता को देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप माना जाता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, कुष्मांडा माता ने अपने अंदर से ब्राह्मण की रचना की, जिसकी वजह से माता के इस स्वरूप का नाम कुष्मांडा पड़ा। कुष्मांडा माता को ही आदिशक्ति और आदिस्वरूपा माना गया है।

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Kushmanda Mata Blessings

पूजा करने से रोगों से मिलती है मुक्ति

कहा जाता है कि माता कुष्मांडा, सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। कूष्मांडा माता की आठ भुजाएं हैं, जिनमें कमण्डल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा और सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला है और इन चीजों के साथ ही माता के एक हाथ में कलश भी है। आठ भुजाएं होने के कारण इन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है।

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नवरात्रि के चौथे दिन पूजा कैसे करें Kushmanda Mata Blessings  

सुबह जल्दी उठकर कुष्मांडा माता की पूजा करें। माता की पूजा करने के लिए सबसे पहले हाथ में फूल ले और माता के मंत्र का जाप करें। पूजा में मां को लाल रंग का पुष्प, गुड़हल या गुलाब, सिंदूर, धूप, गंध, भोग चढ़ाए। सफेद कुम्हड़े( पेठे का फल) की बलि माता को अर्पित करें, इसके बाद माता को मालपुए, दही और हलवे का भोग लगाएं। आरती के बाद माता जी को भोग लगाए।

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Kushmanda Mata Blessings

मां कूष्मांडा देवी की आरती Kushmanda Mata Blessings  

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥

पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

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