Kurukshetra News : प्रभु से शक्ति लेकर आज सारे विश्व को बदलने की जरूरत : सरोज बहन

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प्रभु से शक्ति लेकर आज सारे विश्व को बदलने की जरूरत : सरोज बहन
प्रभु से शक्ति लेकर आज सारे विश्व को बदलने की जरूरत : सरोज बहन

(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। ब्रह्माकुमारीज एवं हरियाणा योग आयोग कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में विश्व ध्यान दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व ध्यान दिवस घोषित करने पर दुनिया भर में पहली बार इस दिवस को मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव रहा। मंच संचालन करते हुए बी.के मधु बहन ने अतिथियों का परिचय देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारीज में पिछले 88 वर्षों से प्रतिदिन योग प्रातः अमृतवेले 4 से 4:45 बजे तक और सायं 6:30 बजे से 7:30 बजे तक योग होता है, जिसे सब बी.के बहन भाई करते हैं।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में किया

अब यू.एन.ओ ने भी इस बात को स्वीकार किया है। शुभ संकल्पों के दीप जलाएं… गीत की ध्वनि पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कुमारी गौरी ने स्वागत है दिल से आपका…. गीत की धुन पर नृत्य कर स्वागत किया। इस अवसर पर हरियाणा योग आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर जयदीप आर्य बतौर मुख्य अतिथि और डॉक्टर मनीष कुकरेजा, गुलशन ग्रोवर विशेष अतिथि रहे। अतिथि देवो भव की परंपरा का निर्वाह करते हुए बी.के पुष्पा बहन ने आए हुए अतिथियों को तिलक लगाकर, पटका पहना कर और पौधा भेंट कर अभिनंदन किया। सेंटर इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज में परमपिता परमात्मा, परम सद्गुरु के द्वारा सिखाए राजयोग की ट्रेनिंग दी जाती है। गीता में भी राजयोग का वर्णन है।

उन्होंने परमात्मा का संदेश देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री, मंत्री और अन्य आमजन सभी मंदिर में जाकर माथा टेकते हैं क्योंकि अब तक जो राजा हुए उनके भी राजा यह देवी देवता है। हम कौन हैं, हमारा लक्ष्य क्या है, इसी को आध्यात्मिक ज्ञान कहते हैं। प्रभु से संबंध जोड़ने को ही योग या संबंध कहते हैं। आज परमपिता से दूरी हो गई है, प्रभु की पहचान नहीं होने से ही याद करने में मेहनत लगती है। शांति, आनंद, प्रेम, सुख, पवित्रता और शक्तिशाली विचारों की शक्ति प्रभु से प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि गीता में भी प्रभु ने मनमनाभव का मंत्र देकर प्रभु से मन को जोड़ने की स्थिति बताई। आज सारे विश्व को प्रभु से शक्ति लेकर बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने अंत में भारत की महानता का बखान करते हुए कहा कि जल्द ही भारत सोने की चिड़िया और स्वर्ग बनने वाला है। निकट भविष्य में श्री कृष्ण राजकुमार के रूप में यमुना के किनारे जल्द खेल पाल करेंगे।

मुख्य अतिथि डॉ जयदीप आर्य ने ब्रह्माकुमारीज बहनों का हृदय से आभार व्यक्त करते कहा कि आज विश्व ध्यान दिवस का प्रथम चरण शुरू हो रहा है, जिसमें सबसे भारी भागीदारी ब्रह्माकुमारी संस्था ने निभाई। उन्होंने योग के बारे में बताया कि दृष्टा भाव से स्थापित होना ही योग है। कर्ता का प्रभाव नहीं होता, भाव का प्रभाव होता है। समापन पर बी. के राधा बहन ने विश्व ध्यान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मेडिटेशन की अनुभूति करवाई और पूरे विश्व में प्रेम व शांति की किरणें बिखेरने का संदेश दिया। राजयोगिनी बीके सरोज बहन ने अतिथियों को शाल ओढ़ा कर और ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया। डॉ. जयदीप आर्य ने भी बहन जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर डॉ. रामेश्वरम शर्मा, प्राचार्य अमरनाथ , एडवोकेट रणधीर सिंह, सतीश कत्याल, जगदीश, मुकेश, राज विज, श्याम, शैलजा, हीरा, ज्योति, विमला, नरेश, सुनीता मित्तल, जरनैल, निर्मल सैनी, कुसुम, सुरेखा, हेमलता आदि बहन-भाई मौजूद रहे।

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