Kurukshetra News : किसी के आंसुओं को खुशी में बदलना है जीवन की सच्ची सार्थकता:रामाशीष मंडल

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The true meaning of life is to turn someone's tears into happiness: Ramashish Mandal

(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर गीता ज्ञान संस्थानम में छ: दिवसीय राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन की शुरुआत प्रार्थना, ध्वजारोहण व योग के साथ हुई। शिविर निदेशक रामाशीष मंडल ने प्रतिभागियों को रक्तदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हम किसी के आंसुओं को खुशी में बदलकर एक नया जीवन दे सकते हैं जो हमारे जीवन की सच्ची सार्थकता है। उन्होंने कहा कि हम सब लोगों का नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम नि:स्वार्थ भाव से मानव जगत की भलाई के लिए रक्तदान करें ताकि हम लोगों द्वारा दिए गए रक्त से किसी का बहुमूल्य जीवन बचा सकें, क्योंकि मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है सिर्फ इंसान ही दूसरे इंसान को रक्त दे सकता है। उन्होंने रेडक्रॉस के संस्थापक सर जीन हेनरी डयूनेन्ट की जीवनी और जूनियर रेडक्रॉस के इतिहास पर भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। रिसोर्स पर्सन सुबे सिंह ने प्रतिभागियों को योग के महत्व के बारे बताते हुए कहा कि योग कर्मसु कौशल जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें योगमयी होना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों को प्राणायाम, कपालभाति, भस्त्रिका आदि का महत्व बताते हुये योग अभ्यास करवाया।

रिसोर्स पर्सन राजवीर सिंह ने प्रतिभागियों को सडक़ सुरक्षा से संबंधित नियमों की जानकारिया देते हुए कहा कि सडक़ पर लगे हुए सुरक्षा चिन्ह के बारे में यदि हमें जानकारी है तो उसके माध्यम से अनेक दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है। अभिभावक किसी भी स्थिति में अपने बच्चों को बिना लाइसेंस के वाहन नहीं दें अन्यथा दुर्घटना की जिम्मेदारी बच्चों के साथ अभिभावकों की भी होगी। रिसोर्स पर्सन अन्जू शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को ग्रह परिचर्या विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा हमें किस प्रकार घर पर मरीज की सेवा कर सकते है, रोगी के कमरे की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना और समय-समय पर रोगी की दवाईयां का भी विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। रिसोर्स पर्सन डॉ. पंकज गौड़ ने शिविर में आये हुए प्रतिभागियों को कहा कि भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा आदि अनेक ऐसी समस्याएं हैं जो महिलाओं को घेरे हुए हैं । शिक्षा ही वह शस्त्र है जिसके माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर और संपन्न बनेगी। विभिन्न सामाजिक बुराइयों का मुकाबला कर सकेंगी। सशक्त महिलाएं ही सशक्त राष्ट्र की नींव रखती है। देश की आधी आबादी का राष्ट्र निर्माण में सहयोग लेकर ही हम विश्व गुरु बन पाएंगे। इसलिए हम सभी मिलकर महिलाओं को सशक्त बनाएं।

रिसोर्स पर्सन कृष्ण कक्कड ने प्रतिभागियों को बताया कि किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति के रक्तस्त्राव होने पर किस तरह से रक्तस्राव रोक कर घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सके। इस विषय पर विस्तार से महत्वपूर्ण  जानकारी दी। इस अवसर पर संयुक्त शिविर निदेशक विनीत गाबा, सुमन बाला, सुनील पहाडिय़ा, ओमप्रकाश गांधी, अन्जू रानी, सुनीता यादव, स्नेहलता, किरण लता, अर्चना देवी, ओमवती, संगीता देवी, सुमन, मनीषा, सीमा, रेखा पांचाल, सूरज मौर्य, संदीप कुमार, दिनेश कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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