Kurukshetra News : 6 दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रार्थना, ध्वजारोहण व योग के साथ हुई शुरुआत 

0
85
Kurukshetra News : 6 दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रार्थना, ध्वजारोहण व योग के साथ हुई शुरुआत 
Kurukshetra News : 6 दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रार्थना, ध्वजारोहण व योग के साथ हुई शुरुआत 

Kurukshetra News | डॉ. राजेश वधवा | कुरुक्षेत्र। शिविर निदेशक रामाशीष मंडल ने प्रात:कालीन सत्र में रेडक्रॉस के इतिहास के बारे में प्रतिभागियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। रेडक्रॉस से संस्थापक सर जीन हेनरी डयुनॉट का जन्म 8 मई 1828 को जेनेवा के एक समृद्ध और सभ्य परिवार में हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि रेडक्रॉस के संस्थापक सर जीन हेनरी डयुना अपने व्यापार बढ़ाने के लिए नेपोलियन तृतीय से मिलने इटली गए थे, लेनिक वहाँ सोलफेरिनो में भीषण युद्ध व युद्ध में घायल सैनिकों को देखकर उनकी मनोदशा ही बदल गई।

उन्होंने घायल सैनिकों की मदद कैसे की जाए, इसके बारे में सोचने लगे कि लोग युद्ध तो कर लेते है लेकिन घायल सैनिकों की सहायता करने बारे में कोई नहीं सोचता है। उनकी सोच व कार्यप्रणाली के कारण एक महान संस्था का उत्पति हुई जो मानवता की सेवा के क्षेत्र में पूरे विश्व में सबसे महान संस्था के रूप में स्थापित है। उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में अर्पित करते हुए एक महान संस्था की स्थापना की जो पूरे विश्व में निसहाय व जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए कार्य कर रही है।

रिसोर्स पर्सन श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. नरेश कुमार प्रतिभागियों को छात्र जीवन मे सफलता का रहस्य विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि सफलता किसी एक बंधे बंधाए सूत्र से प्राप्त नहीं की जा सकती। सफलता प्राप्त करने के लिये हमे अनेक उदात्त मूल्य जैसे लक्षय निरधारित करना, कठिन परिश्रम करना, सकरात्मक चीजों को जीवन में धारण करना, माता पिता गुरुओं की आज्ञा का पालन करना, समय का सदुपयोग करना आदि के सामंजस्य से प्राप्त की जा सकती है। हमे श्रेष्ठ लोगों की कथाएं पढ़नी चाहिए।

मोबाईल आदि का प्रयोग केवल सकारात्मक एवं चुनी हुई चीजों को देखने के लिए करना चाहिए। सफलता प्राप्त करने के साथ साथ हमें अपनी सोच को राष्ट्रवादी रखना चाहिए। हमारे कार्य राष्ट्र के प्रति समर्पित हो। राष्ट्र के सर्वोत्तम संसाधनों का प्रयोग केवल मानव कल्याण के लिए होना चाहिए।

रिसोर्स पर्सन अंजू शर्मा ने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि सीपीआर की प्रक्रिया को ध्यान से समझे। उन्होंने बताया कि यह एक जीवन रक्षक प्रणाली है जो दुर्घटना के समय या आकस्मिक स्थिति में व्यक्ति के जीवन की रक्षा करने मे बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होती है। अंजू शर्मा ने प्रतिभागियों को अभ्यास के माध्यम से इस प्रक्रिया बारे बताया ताकि आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।

दोपहर बाद विनीत गाबा, संयुक्त शिविर निदेशक ने जिला रेडक्रास शाखाओं द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेडक्रास सोसायटी द्वारा जिला रेडक्रास शाखाओं में पुनर्वास केन्द्र, भौतिक चिकित्सा केन्द्र, नशामुक्ती केन्द्र, मंदबुद्धि बच्चों के लिए स्कूल, अंध महाविद्यालय, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र, वृद्ध आश्रम, परिवार सेवा केन्द्र, रैन बसेरा, मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र, आदि मानव कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि एलिम्को कानपुर के सहयोग से दिव्यांगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग प्रदान किए जाते है। कोई भी जरूरतमंद जरुरत के हिसाब से जानकारी प्राप्त कर योजना का लाभ उठा सकता है। रिसोर्स पर्सन ओम प्रकाश गांधी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस घर में माता-पिता की सेवा होती है वह घर स्वर्ग होता है, इसलिए हम सब का कर्तव्य बनता है कि अपने-माता-पिता व बुजुर्गों की सेवा करें। बुजुर्गों की छाया ही हमें सांसारिक समस्याओं के ताप से बचाती है। इनके पास अनुभव को एक ऐसा खजाना होता है जिसमें हर समस्या की चाबी होती है।

यह भी पढ़ें : Kurukshetra News : बालकों के अधिकारों हेतु रिसर्च सैंटर बनेगा वात्सल्य वाटिका : कृष्ण पांचाल