Kurukshetra News : भारत के संविधान के अनुरूप देश प्रगति के पथ पर अग्रसर : नायब सिंह सैनी

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The country is moving on the path of progress as per the Constitution of India Nayab Singh Saini

(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत के संविधान के अनुरूप देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संविधान द्वारा ही हमें अधिकार मिलते हैं। भारत के संविधान में लोकतंत्र की आत्मा है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में धारा 370 व अनुच्छेद 35-ए समाप्त कर महान कार्य किया गया है। जब देश के शीर्ष नेतृत्व द्वारा धारा 370 को समाप्त किया गया तो वाल्मीकि समाज को 67 वर्षो बाद अपना वोट देने का अधिकार मिला। यहीं संविधान की मूल ताकत है। राष्ट्र को मजबूत और सशक्त करना संविधान के मूल के अंदर है।

लोकतंत्र की आत्मा है भारत का संविधान : नायब सिंह सैनी

वे मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय संविधान दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने क्रश हॉल में लगी संविधान प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमें संविधान का पालन करना चाहिए। भारतीय संविधान भारत की जान है यह भारतीय अधिकारों की पहचान है। हमें इस बात को समझना होगा। पूरे देश में आज संविधान का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हमें खुशी है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने का गौरव प्रदान किया है। हरियाणा के हर जिला व देश के हर जिलें में हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से संविधान दिवस को मना रहा है। 26 नवम्बर 1949 को देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। संविधान दिवस का अर्थ देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों की भावना को बढ़ाना है।

मोदी के नेतृत्व में धारा 370 व अनुच्छेद 35-ए समाप्त कर किया महान कार्य

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आधुनिक भारत का सपना देखने वाले डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर व संविधान बनाने वाले महानुभावों को नमन करते हुए कहा कि आज जब हम भारत को संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहते हुए गर्व का अनुभव करते हैं तो हमें पता होना चाहिए इसकी जड़े सदियों पहले हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई पंचायत व्यवस्था में ही थी। संविधान की प्रस्तावना में में वी द पीपल लिखा है यह केवल तीन वाक्य नहीं है यह पूरे भारत के जन, गण का प्रतिनिधित्व करता है। यह एकता की अपील, अखंडता की प्रतिज्ञा है और गणतंत्र में जन-जन की विश्वास की अभिव्यक्ति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि संविधान कितना ही अच्छा क्यों न हों यदि शासक वर्ग की नीयत साफ नहीं है तो संविधान घटिया बन जाएगा। संविधान की सफलता इसे लागू करने वाले के चरित्र पर निर्भर है। हमारे संविधान के कारण की युवाओं को पिछले 10 वर्षो में रोजगार मिल रहा है उसको किसी के दर पर जाने की जरूरत नहीं है। हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतर रहा है। ऐसा कोई विषय नहीं जिसकी व्याख्या हमारे संविधान में न हो। संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा ने कहा था कि मानव द्वारा रचित किसी रचना को अमर कहा जा सकता है। वह हमारा संविधान है। मंच का संचालन प्रो. विवेक चावला ने किया। कुरुक्षेत्र जिला उपायुक्त नेहा सिंह ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल ने भारतीय संविधान में सभी समस्याओं का समाधान निहित है। एक आदिवासी एवं अम्बानी की वोट की कीमत एक है यहीं संविधान की बखूबी है। 17 देशों का संविधान भारत के संविधान के बाद बना। अकेले भारत को छोड़कर बाकी में संवैधानिक संकट की समस्या आई। पड़ोसी देश पाकिस्तान में तो चार बार संविधान बदला तथा देश के दो टुकडे़ भी हुए। वहीं भारत के मजबूत संविधान ने इसे झुठलाया है। उन्होंने कहा कि 66 साल तक भारतीय संविधान को पर्व के रूप में मनाने की ओर किसी का ध्यान नहीं गया वहीं वर्ष 2015 में भारत का प्रधानमंत्री बनते ही नरेन्द्र मोदी ने संविधान दिवस को मनाने का अहम निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जब भारत के संविधान निर्माण की बात आई तब कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी डॉ. भीमराव अम्बेडकर का नाम सामने आया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में भगवान श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण तथा लक्ष्मीबाई सहित 22 चित्र लगाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मन में जातीय वैमनस्य नहीं था उनके अनुसार आर्य भारत से ही थे तथा उनके अनुसार संस्कृत प्रमुख भाषा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के शिक्षक महादेव अम्बेडकर ब्राह्मण थे। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था जिसे भारत के लोगों ने शासन को सबक भी सीखाया कि संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने युवाओं को संविधान, देश की रक्षा, अखंड़ता एवं एकता के लिए प्रण लेने का आह्वान किया।

इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत का संविधान राष्ट्र की आत्मा है। भारतीय संविधान ने स्वतंत्रता, समानता, महिला सशक्तिकरण, मताधिकार एवं न्याय का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि 40 देशों के संविधान का गहन अध्ययन करने के बाद भारतीय संविधान की मूल भावना को सहेजते हुए भारत के संविधान का निर्माण हुआ। राज्य स्तरीय संविधान दिवस कार्यक्रम में संविधान को लेकर लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, जिला उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, सुभाष कलसाना, धर्मवीर मिर्जापुर, धुम्मन सिंह किरमच, सुशील राणा

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