Kurukshetra News : व्यास पूजा व्यक्ति नहीं, परंपराओं की पूजा है : स्वामी ज्ञानानंद

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Kurukshetra News : व्यास पूजा व्यक्ति नहीं, परंपराओं की पूजा है : स्वामी ज्ञानानंद
स्वामी ज्ञानानंद
  • गीता ज्ञान संस्थानम् में हर्षोल्लास से मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व

डॉ. राजेश वधवा | कुरूक्षेत्र। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सान्निध्य में जीओ गीता परिवार द्वारा गुरु पूर्णिमा उत्सव गीता ज्ञान संस्थानम् में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गीता ज्ञान संस्थानम् के सभागार में आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव में कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त शाहाबाद, पिहोवा, लाडवा, बाबैन, बराड़ा एवं कैथल सहित कई सुदूर क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

महामंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय की मधुर धुन से के साथ प्रवचनों का शुभारंभ करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज ने कहा कि भारत परंपराओं का देश है और परंपराएं हमारे देश की दिव्यता हैं। व्यास पूर्णिमा का पर्व अवतार परंपरा, ऋषि परंपरा, ग्रंथ परंपरा, संत परंपरा एवं गुरु परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है। गीता मनीषी ने कहा कि महर्षि वेदव्यास के नाम से जुड़े व्यास पूजा के पर्व में केवल व्यक्ति की नहीं अपितु परंपराओं की पूजा की जाती है।

उन्होंने कहा कि व्यास केवल नाम नहीं बल्कि व्यास परंपरा हैं, आदर्श हैं एवं एक प्रेरणा हैं। यही नहीं राष्ट्र की अस्मिता से जुड़ा हुआ नाम है व्यास। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अगर महर्षि वेदव्यास न होते तो गीता उपदेश महाभारत काल की घटना मात्र बनकर रह जाता।

व्यास जी की कृपा से ही भगवान कृष्ण द्वारा दिया गया उपदेश युगों-युगों की एक शाश्वत एवं अमर प्रेरणा बन गया। इस अवसर पर राजेंद्र चोपड़ा, मदन मोहन छाबड़ा जितेंद्र ढींगरा, विजय नरूला, डा. मारकंडे आहूजा, मंगतराम सिंगला, महेंद्र सिंगला, जगदीश तनेजा, नरेश शर्मा, मलिक विजय आनंद, संजय गुप्ता, हर्ष सलूजा, अशोक अरोड़ा, सुनील वत्स, गुरदयाल सुनहेड़ी एवं पवन भारद्वाज सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

रसिकों ने बांधा समां

Kurukshetra News : व्यास पूजा व्यक्ति नहीं, परंपराओं की पूजा है : स्वामी ज्ञानानंद

गीता ज्ञान संस्थानम् में आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव में रसिकों ने इस कदर समां बांधा कि गुरु वंदना से संबंधित भजनों पर सभागार में उपस्थित भारी संख्या में श्रद्धालु झूमते-नाचते दिखाई दिए। जहां एक ओर पवन गुंबर के भजन रहमता करदा ए, झोलियां भरदा ए भजन पर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए, वहीं रतन रसिक द्वारा गाए गए भजन मेरे सतगुरु कृपा निधान पर श्रद्धालु मंत्र-मुग्ध दिखाई दिए। चूनी लाल, नितिन कथुरिया एवं नीरू चौहान के भजनों पर श्रद्धालुओं ने व्यास दरबार के समक्ष जमकर नृत्य किया।

जीवन में गुरु की भूमिका अनमोल : नवीन जिंदल 

गीता ज्ञान संस्थानम् के व्यास पूजा कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल विशेष रूप से उपस्थित हुए। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज से आशीर्वाद लेने के उपरांत सांसद नवीन जिंदल ने श्रद्धालुओं से रू-ब-रू होते हुए गुरु की महिमा पर प्रकाश डाला। सांसद ने कहा कि गुरु हमारा हाथ थामे पग-पग पर हमें चलना सिखाता है। गुरु ही है जो हमें परमात्मा से मिलाने का काम करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु की भूमिका अनमोल है। गुरु के दिखाए मार्ग पर चलकर ही हम दिन-प्रतिदिन उन्नति की राह पर अग्रसर होते हैं।

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