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देश में चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस के मौके को पूरे जोश के साथ मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेवा निवृत सूबेदार रविंद्र कौशिक जी, सेवा निवृत नायब सूबेदार शमशेर सिंह जी और कार्गिल युद्ध में भाग लेने वाले सेवा निवृत कैप्टन गुरमेल सिंह जी मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजारोहण से की

इस मौके पर बच्चों ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजारोहण से की गई। इसके बाद सब ने राष्ट्रगान गाया। इस अवसर पर सूबेदार रविंद्र कौशिक ने बताया कि आजादी हमें यूं ही नहीं मिली है। इसके पीछे हजारों जवानों ने अपने प्राण देश की रक्षा और आजादी दिलाने के लिए गंवाए हैं। हमें शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देना है।

ये तिरंगा केवल तीन रंगों का कपड़ा नहीं है। ये हमारे देश की आन बान और शान है। उन्होंने वहां मौजूद बच्चों को बताया कि हमें कोई भी ऐसा काम नहीं करना है जिससे इस तिरंगे की शान पर कोई आंच आए। उन्होंने यूक्रेन हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जब यूक्रेन हमला हुआ था तब इस देश के तिरंगे को हाथ में लेकर युक्रेन देश से हमारे देश के नागरिक भी जिंदा वापस लौट आए थे।

कार्गिल युद्ध के कुछ यादगार पल सांझा किए

नायब सूबेदार शमशेर सिंह जी ने कहा कि एक फौजी का सर केेवल तिरंगे के आगे झुकता है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। कैप्टन गुरमेल सिंह ने बच्चों और राॅबिन हुड आर्मी के वाॅलेंटियर्स के साथ कार्गिल युद्ध के कुछ यादगार पल सांझा किए। उन्होंने बताया कि जिला वासियों ने हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा अभियान के तहत अपने वाहनों और घरों में झंडा लगाया। लेकिन अब यह हमारा फर्ज बनता है कि यदि हम रास्ते से जा रहे हों और हमें जमीन पर देश का तिरंगा झंडा पड़ा हुआ मिले तो हम उसे उठाकर अपने पास हिफाज़्त से रख लें।

सब के दिलों में देश भक्ति का जज़्बा

इस मौके पर उन्होंने शहीदों पर कविता भी सुनाई जिसे सुनकर सब के दिलों में देश भक्ति का जज़्बा पैदा हो गया। इस अवसर पर सुंदर पुर बस्ति एवं शिव काॅलोनी से आए बच्चों ने भी डांस और स्पीच की प्रस्तुति दी। राॅबिन हुड आर्मी की राॅबिन ने एक शहीद के मन के विचारों को व्यक्त करने वाली कविता सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। युवा राॅबिन ने ‘सुनो गौर से दुनिया वालों’ गीत सुनाया इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में उपस्थित राॅबिन हुड आर्मी की एक सदस्या ने आए हुए सभी मुख्यातिथियों को अपनी संस्था के बारे में विस्तार से बताया।

खाना डस्टबीन में ना फेंके

उन्होंने कहा कि ये एक जीरो फंड संस्था है जिसके वाॅलेंटियर्स दिन रात निःस्वार्थ भाव से गरीबों तक खाने से पढ़ाई तक हर संभव मदद पहुंचाते हैं। उन्होंने सभी से अपील की है कि शादियों में या अन्य पार्टियों में जब भी जाएं तो अपनी प्लेट में उतना ही खाना लें जितना कि आप खा सकें। जिससे वो खाना खराब न हो। अगर ऐसा खाना बच भी जाए तो उसे डस्टबीन में फेंकने की बजाए, ऐसे लोगों को देने की कोशिश करें जिन्हें दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती है। इस दौरान संस्था के सभी सदस्य उपस्थित रहे।