(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। राजेन्द्र नगर स्थित श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम नंगली वाली कुटिया में संत प्रकाश पुरी व संत अगम पुरी जी के आशीर्वाद से श्रीमद् भागवत कथा का शुभारभ किया गया। कथा के दूसरे दिन कथा व्यास संत वेदांत पुरी ने कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से पाप से मुक्ति मिलती। उन्होंने कहा जिस स्थान पर कथा होती है वहां भगवान विराजमान होते हैं। भगवन नाम के जाप से सारे विपत्ति नाश हो जाते हैं। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है
मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है व बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है। इसलिए सभी को अच्छे कर्मो के प्रति आकृष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। दोनों ही मार्गो में अधोगामी वृत्तियां निषेध हैं। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही, किन्तु उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से उसे सुना तो मोक्ष प्राप्त हो गया।
भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए आत्मा तृप्ति नहीं होती है। मंच का संचालन चंद्र प्रकाश धमीजा ने किया। इस मौके पर आश्रम के संत निर्विकार पुरी, आत्म विभोर पुरी, सन्त सनातन पुरी, संत सहज पुरी, संत त्रिलोक पुरी, संत वीणा पुरी, संत यथार्थ पुरी, आश्रम के प्रवक्ता महात्मा दिव्यानन्द, महात्मा सुखधर्मनंद , महात्मा हरदेवानन्द, महात्मा गोपालानन्द, महात्मा रामानंद , महात्मा अवधेशानंद, महात्मा केशवानन्द जालंधर आदि संतो ने सगत का मार्ग दर्शन किया।
इस अवसर पर गुलशन बजाज, पंडित अंकित शर्मा, पार्षद दीपक सिडाना, विकी सिडाना, राजकुमार शर्मा, कृष्ण लाल जुनेजा, राजीव चावला, प्रभु दयाल पोपली आदि भक्तजन मौजूद रहे।
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