Kurukshetra News | डॉ. राजेश वधवा | कुरुक्षेत्र। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने राईस मिलर व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार 100 किलो धान के बदले राइस मिलरों से 67.5 किलो चावल लेती है मगर 100 किलो धान में सिर्फ 60 से 62 किलो चावल निकलता है। सरकार को 100 किलो धान के बदले 62 किलो चावल लेने का नियम बनाना चाहिए।
बजरंग गर्ग ने कहा कि राईस मिलर द्वारा धान की पिनाई करके चावल निकालने की मिलीग 30 सालों से सरकार सिर्फ 10 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है जबकि धान पिनाई का खर्च मिलरों का लगभग 120 रुपए प्रति क्विंटल आता है।
सरकार को धान पिनाई के 120 रुपए प्रति क्विंटल मिलरों को देने चाहिए। गर्ग ने कहा कि एफसीआई विभाग के अधिकारी गोदामों में चावल की गाड़ी लगाने के नाम पर खुले आम 10 हजार रुपए गाड़ी के ले रहे हैं जो मिलर 10 हजार रुपए ना दे उसकी गाड़ी गोदामों में नहीं लगाते हैं।
सरकार को एफसीआई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि पैसे लेने के चक्कर में वह जानबूझकर चावल की गाड़ी रिजेक्ट करके वापिस भेज देते है। जिसके कारण राईस मिलरों को भारी नुकसान होता है इसलिए राईस मिलर एफसीआई विभाग के अधिकारियों को मजबूरी में पैसे देते है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण राईस उद्योग काफी नुकसान में चल रहा है। सरकार को तुरंत प्रभाव से राइस मिलरों की समस्या का समाधान करना चाहिए। गर्ग ने कहा कि सरकार को हर अनाज खरीद पर पहले की तरह आढ़तियों को ढाई प्रतिशत दामी पूरी देनी चाहिए।
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