Kurukshetra News : मुल्तान जोत लेकर हरिद्वार रवाना हुए प्राचीन मुल्तान सभा से जुड़े श्रद्धालु, राज्यमंत्री सुभाष सुधा झंडी ने किया रवाना

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Devotees associated with the ancient Multan Sabha left for Haridwar with the Multan Jot
(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। हर साल की भांति इस साल भी प्राचीन मुल्तान सभा द्वारा मुल्तान जोत महोत्सव कार्यक्रम बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में रविवार की सुबह 10वीं बार सैंकड़ों श्रद्धालु प्रधान प्रदीप झांब के नेतृत्व में 4 बसों में सवार होकर हरिद्वार के लिए रवाना हुए जहां हरिद्वार में जयराम आश्रम से हर की पौड़ी तक बैंड बाजों और रथों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस यात्रा को राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वे खुद बस में सवार होकर कुरूक्षेत्र से लाडवा तक भी गए। बस में कीर्तन जारी रहा। राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। सभा के प्रधान प्रदीप झांब ने बताया कि प्राचीन मुल्तान सभा द्वारा 10वीं बार कुरुक्षेत्र से हरिद्वार जाकर मुल्तान जोत महोत्सव आयोजित किया गया। इस मौके पर देशभर से अलग-अलग राज्यों और जिलों से लाखों की संख्या में समाज के लोग इस महोत्सव में भाग लेते हैं और मुल्तान जोत को गंगा मैया में प्रवाहित करते हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र से रवाना होकर सभी श्रद्धालु हरिद्वार में जयराम आश्रम पहुंचें जहां से भव्य शोभा यात्रा हर की पौड़ी तक निकाली गई। हर की पौड़ी पर भव्य भजन संध्या और कीर्तन के उपरांत प्राचीन मुल्तान जोत गंगा मैया में प्रवाहित की गई। उन्होंने बताया कि देश में शांति और भाईचारे को बनाए रखने के उद्देश्य से हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
प्राचीन मुल्तान सभा के प्रधान प्रदीप झांब व वरिष्ठ उप प्रधान फतेहचंद गांधी ने बताया कि जब से मुल्तान जिला पाकिस्तान में से हमारे बुजुर्ग यहां पर आए थे तभी से वह यह त्यौहार हर साल मनाते आ रहे हैं।  उन्होंने बताया सबसे पहले जोत सन 1911 में भगत रूपचंद पाकिस्तान के मुल्तान से पैदल हरिद्वार लेकर आए थे उसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि यह त्योहार सावन मास में आता है और भगवान से प्रार्थना भी की जाती है कि देश में सुख शांति का माहौल रहे। इस अवसर पर धर्मेंद्र सचदेवा, प्रेम मदान, ओपी आहूजा, तिलक राज, सुरेश धवन, रविंद्र धवन, साहिल चानना, राधेश्याम कालड़ा, अशोक सचदेवा, गुलशन ग्रोवर, प्रेम वधवा, पूर्ण चंद बजाज, दर्शन सहगल, कृष्ण सुखीजा, जगदीश चांद, श्याम आहूजा, पवन लौटा, कृष्ण लाल, अशोक राजपाल, राधेश्याम आहूजा, राजकुमार अरोड़ा, भगवान दास सहित सैंकड़ों श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए।