(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र/पिहोवा। उपायुक्त कुरुक्षेत्र नेहा सिंह ने कहा कि चेत्र चौदस मेला उत्तर भारत के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत के लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। यह मेला श्रद्घालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। मेले में आकर श्रद्घालू अपने पित्रों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना करवाते हैं तथा पिंडदान करते हैं। चेत्र चौदस मेले के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन बधाई का पात्र है।

सूचना प्रसारण केंद्र में अधिकारियों व कर्मचारियों को मेले की दी बधाई

उपायुक्त कुरुक्षेत्र नेहा सिंह शुक्रवार को चेत्र चौदस मेले में बाल भवन में बने सूचना प्रसारण केंद्र में अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उपमंडल पिहोवा में आयोजित चेत्र चौदस मेला 2025 में भारी संख्या में लोगों का आवागमन हो रहा है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा के साथ-साथ अन्य जो सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, उनके लिए प्रशासन को बधाई दी जाती है। उन्होंने कहा कि चेत्र चौदस मेला हर श्रद्घालू के लिए विशेष महत्व रखता है। न केवल हिंदु धर्म अपितु सिख धर्म में भी चेत्र चौदस मेले का अहम स्थान है। चैत्र चौदस मेले में मुख्य स्नान अमावस्या को होता है। इस तीन दिवसीय मेले में उत्तर भारत के साथ-साथ देश-विदेश से लोग यहां पंहुचकर अपने पूर्वजों की आत्मिक शांति के लिए पूजा-पाठ करवा रहे हैं।

मेले में हो रही गतिविधियों का लिया जायजा, तहसील कार्यालय का किया औचक निरीक्षण

एसडीएम कपिल कुमार ने इससे पूर्व उपायुक्त कुरुक्षेत्र नेहा सिंह को बुके देकर सम्मानित किया तथा स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। एसडीएम ने कहा कि मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 डयुटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं जो दिन-रात डयुटी दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग द्वारा 600 से अधिक कर्मचारियों की डयुटी चेत्र चौदस मेले की सुक्षा व्यवस्था हेतु लगाई गई है तथा सीसीटीवी कैमरों के द्वारा भी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सफाई व्यवस्था के कार्य को बनाए रखने के लिए 200 से अधिक सफाई कर्मचारियों की डयुटी मेला क्षेत्र में लगाई गई है।

उन्होंने उपायुक्त कुरुक्षेत्र नेहा सिंह को मेले के पौराणिक इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महाभारत का युद्घ समाप्त होने उपरांत भगवान श्रीकृष्ण जी ने युधिष्ठिïर को युद्घ में मारे गए असंख्य लोगों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ करवाने तथा पिंडदान करवाने के लिए कहा ताकि दिवंगत आत्माओं को मुक्ति मिल सके। इस कार्य को करने के लिए पिहोवा के सरस्वती तट को निर्धारित किया गया था।

तब से लेकर अब तक निरंतर लोग यहां पर आकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना करवाते हैं। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जी ने भी अपनी माता की आत्मिक शांति के लिए पिंडदान प्रक्रिया सरस्वती तट पिहोवा पर ही करवाई थी। इस मौके पर नगरपालिका चेयरमैन आशीष चक्रपाणि, डीएसपी निर्मल सिंह, तहसीलदार विनती, नगरपालिका सचिव मोहन लाल, मार्केट कमेटी सचिव चंद्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

उपायुक्त कुरुक्षेत्र ने किया तहसील कार्यालय का निरीक्षण

इसके उपरांत उपायुक्त कुरुक्षेत्र नेहा सिंह ने तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने वहां पर चल रहे कार्यों का जायजा लिया तथा अधिकारियों व कर्मचारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर उनके कार्य पूर्ण करवाएं ताकि किसी भी व्यक्ति को कार्यालयों के बार-बार चक्कर न काटने पड़ें।

यह भी पढ़ें: Kurukshetra News : कुरुक्षेत्र धाम के चप्पे-चप्पे पर विराजमान है ऐतिहासिक, पौराणिक तीर्थ:ज्ञानानंद

यह भी पढ़ें: 1.5 Ton Best AC बेहतरीन छूट, और बिजली की बचत भी, अभी खरीदें