(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वैश्विक समस्याओं के समाधान में डाटा साइंस की अहम भूमिका है। सांख्यिकी डाटा भविष्य का ईंधन है और समस्या के सही समाधान के लिए डाटा को सही रूप में शोधात्मक दृष्टि से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है ताकि वैश्विक समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके।
वे शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में सांख्यिकी विभाग द्वारा इनोवेटिव ट्रेड इन स्टैटिसटिक्स, ऑप्टिमाइजेशन एंड डाटा साइंस विषय पर 21 से 23 दिसंबर तक सांख्यिकी विभाग द्वारा आयोजित तथा केयूके, एनबीएचएम, एएनआरएफ (भारत सरकार), आरबीआई, डीआरडीओ, डीआईएचई (हरियाणा) और एलएआरएस द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में बोल रहे थे। इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया व अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की स्मारिका का विमोचन किया गया।
नार्वे, अमेरिका, कनाडा, जापान विद्वानों ने पढ़े कांफ्रेस में शोध पत्र
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं, वित्त, व्यापार, विज्ञान, सुशासन कार्यो, पर्यावरण, विभिन्न तकनीकी सर्वेक्षणों में सांख्यिकी व डाटा साइंस का महत्वपूर्ण योगदान है। बड़े-बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम की व्यवस्था तथा पर्यावरण प्रदूषण सम्बन्धित समस्याओं को डाटा साइंस के माध्यम से सर्वेक्षण कर समाधान किया जा सकता है। कोरोना काल में डाटा साइंस के माध्यम से आरोग्य सेतु एप द्वारा इंफेक्शन दर तथा हॉट स्पॉट को चिन्हित कर वैश्विक महामारी का सामना किया गया।
उन्होंने कहा कि यह कांफ्रेस सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक दूरियों को कम कर वैश्विक परिदृक्ष्य के सापेक्ष में अपनी सार्थकता सिद्ध करने में सफल होगी। इसके साथ ही उन्होंने कुवि द्वारा शोध के क्षेत्र में शिक्षकों को अवार्ड देने, पेटेंट के लिए इको सिस्टम बनाने व 19 ऑनलाइन प्रोग्राम्स द्वारा एआई, साइबर सिक्योरिटी, डाटा एनालिसिज, क्लाउड कम्प्यूटिंग आदि के बारे में अहम जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने केयू के सांख्यिकी विभाग द्वारा पीजी प्रोग्राम के अंतर्गत डाटा एनालिटिक्स को लेकर नए प्रोग्राम शुरू करने का आह्वान किया।
कुवि में सांख्यिकी विभाग द्वारा तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ
जापान के प्रो. कुनिओ शिमिजु (जापान) ने भारत और जापान के बीच गहरे संबंध स्थापित करने के लिए इस प्रकार की कांफ्रेंस का आयोजन महत्वपूर्ण है। उन्होंने भावी शिक्षकों को डाटा साइंस में नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कांफ्रेंस वैश्विक स्तर पर नए आयाम स्थापित करती हैं।
वेस्टर्न नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, हाउगेसुंड के प्रो. अजीत के. वर्मा ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी और क्रांति की अहम् भूमिका है। डाटा साइंस के साथ तकनीक का प्रयोग अनेक नवीन शोधात्मक कार्यो में किया जा सकता है।
आईएआरएस के अध्यक्ष प्रो. एससी मलिक ने कहा कि वे 125 से ज्यादा कांफ्रेंस में भाग ले चुके हैं लेकिन पहली बार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस समय पर शुरू हुई जिसका श्रेय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व सांख्यिकी विभाग को जाता है। उन्होंने आईएआरएस एसोसिएशन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के निदेशक व सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुकेन्द्र कादियान ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया व अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्देश्य के बारे में बताया। मंच का संचालन छात्रा उपासना ने किया। अंत में आयोजन सचिव डॉ. जितेन्द्र खटकड़ ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डीन साइंसिज प्रो. संजीव अरोड़ा, प्रो. जीपी दुबे, प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. मथई, प्रो. उमाशंकर, प्रो. शलभ, प्रो. बालकृष्ण, प्रो. एससी मलिक, प्रो. नीरज मिश्रा, प्रो. पीसी झा, प्रो. शेष.एन.राय, प्रो. टी.ई.एस राघवन, प्रो. सोमेश कुमार, प्रो. योगेन्द्र पी. चौबे, प्रो. एनके जैन, प्रो. आरएल गर्ग, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. सुदेश कुमार सहित सांख्यिकी विभाग के शिक्षक, डीन, निदेशक, शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री को दी गई श्रद्धांजलि
कुवि में सांख्यिकी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व अतिथियों द्वारा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर 1 मिनट का मौन रखकर सभागार में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके साथ कुवि में आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
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