(Kurukshetra News) लाडवा। इन्दिरा गाँधी नेशनल कॉलेज, लाडवा की एन.एस.एस. शाखा द्वारा गांव डुढा में लगाए गए सात दिवसीय विशेष शिविर के अंतर्गत पाँचवें दिन सभी स्वयंसेवक बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम, लाडवा और अनाथ आश्रम, लाडवा पहुँचे। कॉलेज प्राचार्य डॉ. कुशल पाल के नेतृत्व में तथा डॉ. सुरेन्द्र कुमार एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में यह भ्रमण किया गया। वृद्धाश्रम और अनाथ आश्रम में जाकर स्वंयसेवक भावुक हो गए।
बेघर जैसी समाज में फैली इस अवांछनीय दशा की आलोचना की : प्राचार्य
कॉलेज प्राचार्य डॉ. कुशल पाल ने बेघर जैसी समाज में फैली इस अवांछनीय दशा की आलोचना करते हुए कहा कि यह हमारे लिए बड़े ही शर्म की बात है कि जो माता-पिता हमें चलना, हँसना, बोलना और पढ़ना सीखाते है, उन्हें आज का युवा अपनी व्यक्तिगत खुशी और आजादी के साथ अकेला रहने के लिए अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देता है। प्राचार्य महोदय बताया कि आज का शिक्षित युवा विदेश में जाकर पढ़ना और रहना पसंद करने लगा है। जिससे उसका लगाव परिवार के प्रति कम होता जाता है।
यह भी एक बहुत बड़ा कारक है वृद्धाश्रम में वृद्धों की संख्या बढ़ने का। पहले सभी जन एक परिवार बनकर रहते थे, जिसमें दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची, भाई- बहनें आदि सभी आते थे लेकिन आज का युवा एकल परिवार में रहना पसंद करता है। प्राचार्य महोदय ने स्वयंसेवकों को शिक्षा देते हुए कहा कि एन.एस.एस. शिविर में आप सभी को समाज में फैली इस दयनीय दशा से परिचित करवाया जाता है और इसको रोकने के लिए जागरूक किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति बड़ों का आदर व सम्मान करना सीखाती है, जरूरतमंदों व गरीब परिवारों की सहायता करना सीखाती है।
लेकिन युवाओं का मोबाईल, सोशल मीडिया व टी.वी. से इतना गहन सम्पर्क हो चुका है कि वे अपने आस-पास के लोगों से जुड़ना, मिलना व बात करना पसंद नहीं करते। वे अपनी अलग ही काल्पनिक दुनिया में जीते रहते है। जिससे परिवार को बहुत गहरा आघात पहुँच रहा है। कॉलेज के दिनों में वृद्धाश्रम जैसे स्थानों का भ्रमण व इस प्रकार का एक कदम युवाओं को अवश्य जागरूक करेगा और वे अपने परिवार व माता-पिता को इस स्थिति में नहीं रखेंगे।
बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम के प्रधान विकास सिंघल ने स्वयंसेवकों को वहां पर रहने वाले वृद्धों से परिचय कराया और उनका समय वृद्धाश्रम में किस प्रकार से बीतता है इसका पूर्ण अवलोकन करवाया। दोपहर सत्र में दयाल सिंह कॉलेज, करनाल के अंग्रेजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. किरण कुमार ने स्वयंसेवकों को कहा कि एन.एस.एस. एक ऐसी इकाई है ‘‘जो पहले मैं नहीं बल्कि आप’’ का संदेश देती है। समाज में फैली बुराईयों को स्वयंसेवक देखता है और उसे दूर करने का दृढ़ संकल्प मन में बनाकर कार्य करता है। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने प्राचार्य महोदय और मुख्यातिथि डॉ. किरण कुमार का हार्दिक धन्यवाद किया।
यह भी पढ़ें: Moto G35 5G कैसे है नार्मल यूजर के लिए बेहतरीन विकल्प और बजट
यह भी पढ़ें: Hyundai Creta प्रीमियम होने के साथ मिड बजट और रेलेबिलिटी, देखें फीचर्स