(Kurukshetra News) कुरूक्षेत्र। वर्तमान दौर में लोक कला के विविध स्वरूप धीरे-धीरे धूमिल हो रहे हैं। ऐसे में विरासत दि हेरिटेज विलेज जी.टी. रोड मसाना ने लोककला को बचाने के लिए मुहिम छेड़ी है।
Chittan-Mandana competition : 2 से 11 अक्टूबर के बीच होगा विरासत सांझी उत्सव
इस मुहिम में जहां एक ओर सांझी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है वहीं पर दूसरी ओर विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए चित्तण-मांडणा का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। यह जानकारी चौथे सांझी उत्सव के आयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान दौर में धीरे-धीरे लोककला का स्वरूप धूमिल पड़ रहा है। लोककला को जीवित करने एवं युवाओं से जोडऩे के लिए विरासत दि हेरिटेज विलेज ने 2 से 11 अक्टूबर 2024 तक सुबह 10 बजे से 1 बजे तक हर रोज चित्तण-मांडणा प्रतियोगिता विरासत परिसर में आयोजित की है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों को आमंत्रित किया गया है।
प्रतियोगिता का आयोजन हर रोज अलग-अलग प्रतिभागियों के बीच होगा। जबकि चित्तण-मांडणा प्रतियोगिता का परिणाम 11 अक्टूबर 2024 को घोषित किया जायेगा। डॉ. पूनिया ने बताया कि इस लुप्त होती लोक कला में प्रत्येक विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से 4-6 विद्यार्थियों का समूह भाग ले सकता है। चित्तण-मांडणा प्रतियोगिता में विजयी होने वाले छात्रों को 11 अक्टूबर 2024 को सायं 4 बजे विरासत सांझी उत्सव पारितोषिक वितरण समारोह में सम्मानित किया जायेगा। डॉ. पूनिया ने कहा कि लोककला सांझी एवं चित्तण-मांडणे हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। आधुनिकता की चकाचौंध में लोक कलाएं पीछे छूट रही हैं। इसलिए विरासत ने लोककलाओं को युवाओं से जोडऩे के लिए चित्तण-मांडणा एवं लोककला सांझी प्रतियोगिता का आयोजन किया है।