(Kurukshetra News) लाडवा। संजय गांधी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, धनोरा-लाडवा ने सीबीएसई के तत्वावधान में एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की मेजबानी की। रिसोर्स पर्सन डॉ. नवलप्रीत सिंह और साइबर विशेषज्ञ उर्वशी नाग ने उपस्थित शिक्षकों को कक्षाओं में शिक्षण और सीखने में एआई के महत्व से अवगत कराया।
डॉ. नवलप्रीत ने सत्र की शुरुआत इस उद्धरण से की, “प्रौद्योगिकी सबसे शक्तिशाली हथियार है, परमाणु बम नहीं।” दोनों रिसोर्स पर्सन्स ने शिक्षकों के लिए सीखने की निरंतरता पर जोर दिया।
शिक्षकों को नई एनईपी के अनुसार नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों के बारे में सीखते रहना चाहिए: डॉ. नवलप्रीत
इसलिए शिक्षकों को नई एनईपी के अनुसार नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों के बारे में सीखते रहना चाहिए। प्रतिभागियों को शिक्षा में एआई उपकरणों की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में प्रचुर ज्ञान से परिचित कराया गया। शिक्षकों को Chatgpt, freepik, Questgen Techy, Duolingo, Zerogpt, Quillbot, Rytr, WriteHuman, steve.ai, Humanize, gravitywrite आदि सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से एआई के उपयोग के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने एआई तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हालांकि प्रौद्योगिकी शिक्षक की जगह नहीं ले सकती है। लेकिन तकनीक के बिना शिक्षक को प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
एआई सभी विषयों को सीखने के लिए एक सार्वभौमिक उपकरण बन गया है चाहे वह गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषाएं या कला हो। प्रधानाचार्य धर्मेंद्र खेड़ा ने सीबीएसई से आए दोनों रिसोर्स पर्सन्स को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि कार्यशाला ने एआई उपकरणों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की होगी और उन्हें रोजमर्रा की शिक्षण क्रियाओं में कैसे एकीकृत किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रौद्योगिकियों को अपनाना अब वैकल्पिक नहीं है, यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के विकास के लिए अपरिहार्य है। विद्यालय की ओर से प्रधानाचार्य धर्मेंद्र खेड़ा, उप-प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा और शिक्षकों ने दोनों रिसोर्स पर्सन्स को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
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