- नामांकन भरने से पहले मीरी-पीरी के मालिक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब के चरणों में की अरदास
(Kurukshetra News) कुरुक्षेत्र। लंबे संघर्ष के बाद अस्तित्व में आई हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी का पहला चुनाव लड़ने के लिए बीबी रविंदर कौर अजराना ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन पत्र भरने से पहले वे मीरी-पीरी के मालिक साहिब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के चरण छौह प्राप्त ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में पहुंची। यहां उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष शीश नवा कर गुरु साहिब के चरणों में अरदास की। इसके उपरांत वे सादगी से नामांकन पत्र भरने एसडीएम थानेसर के कार्यालय में पहुंची।
शहीदी दिहाड़ों के चलते पूर्ण सादगी से भरा बीबी रविंदर कौर अजराना ने नामांकन पत्र
यहां उन्होंने अपना नामांकन पत्र जमा करवाने के बाद मीडिया के माध्यम से संगत से समर्थन की अपील करते हुए कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा सेवा संभाल के उपरांत अनेक कार्य किए हैं। इसलिए उन्हें दोबारा से सेवा का मौका मिलना चाहिए। बीबी अजराना ने बताया कि वार्ड नंबर 15 थानेसर से वे चुनाव मैदान में उतरी हैं और उन्हें पूरी आशा है कि यहां के सिख उनका भरपूर साथ देंगें। उन्होंने बताया कि अब शहीदी दिहाड़े चल रहे हैं, इसलिए वे पूर्ण सादकी से नामांकन पत्र भरने आई हैं। इस दौरान सिख राजनीति में काफी रसूख रखने वाले उनके पति कवलजीत सिंह अजराना, गांव अजराना से सरपंच गुरदेव सिंह, छविंदर सिंह भुल्लर व दिलबाग सिंह मौजूद रहे।
एसजीपीसी में सबसे कम उम्र में मैंबर बनने का रिकॉर्ड भी है बीबी रविंदर कौर अजराना के नाम
बता दें कि वर्तमान में बीबी रविंदर कौर अजराना हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी में कनिष्ठ उपप्रधान की सेवा निभा रही है और सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर में सबसे छोटी उम्र में मैंबर बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
काबिले जिक्र है कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा सितंबर 2022 को हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को मान्यता दिए जाने के उपरांत हरियाणा सरकार द्वारा एचएसजीएमसी के सदस्यों को मनोनीत किया गया था। इन मनोनीत सदस्यों में शामिल होकर बीबी रविंदर कौर अजराना ने सियासी जमीन पर अपनी छाप छोड़ी थी और बहुत पहले ही उन्होंने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी का चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था।
मैंबर बीबी रविंदर कौर अजराना ने बातचीत करते हुए बताया कि हरियाणा कमेटी के लिए उन्होंने शुरू से ही लड़ाई लड़ी है। लंबे अर्से तक किए गए इस संघर्ष के परिणामस्वरूप ही साल 2014 में हरियाणा विधानसभा में तत्कालीन हुड्डा सरकार द्वारा हरियाणा कमेटी का विधेयक पास किया गया था।
मगर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई हरियाणा कमेटी के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के मैंबर हरभजन सिंह मसाना द्वारा माननीय सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट में यह केस काफी समय तक चला और सितंबर 2022 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को मान्यता दे दी गई। मान्यता मिलने के उपरांत हरियाणा सरकार द्वारा कमेटी के सदस्य मनोनीत किए गए और अब एचएसजीएमसी के चुनाव की तैयारियां चल रही है। कवलजीत सिंह अजराना ने समर्थन में जत्थेबंदियों और संगत का आभार जताया है।
यह भी पढ़ें: OnePlus 13 5G लॉन्चिंग से पहले जानें स्पेसिफिकेशन और फीचर्स
यह भी पढ़ें: Kurukshetra News : एचएसजीएमसी चुनाव को लेकर जगदीश झिंडा का बड़ा ऐलान