Kurukshetra News : 5 हजार वर्ष पुराने ऐतिहासिक और पौराणिक वट वृक्ष को मिल रही पेंशन

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Kurukshetra News : 5 हजार वर्ष पुराने ऐतिहासिक और पौराणिक वट वृक्ष को मिल रही पेंशन
Kurukshetra News : 5 हजार वर्ष पुराने ऐतिहासिक और पौराणिक वट वृक्ष को मिल रही पेंशन
  • कुरुक्षेत्र में 68 वृक्षों को वन विभाग दे रहा पेंशन
  • पेड़ों को सहेजने के लिए उनके मालिकों को दी जा रही पेंशन

Kurukshetra News | डॉ. राजेश वधवा | कुरुक्षेत्र। देश के अन्य राज्यों की भांति धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में वृक्षों को प्रतिवर्ष 2750 रुपए की पेंशन जारी है। आज के समय में पर्यावरण की सुरक्षा एवं पेड़ों की घटती संख्या को देखते हुए सरकार लोगों को जागरूक कर रही है।

वन विभाग अधिकारी शमशेर सिंह ने बताया कि अन्य राज्यों की भांति हरियाणा सरकार द्वारा पुराने पेड़ों को सुरक्षित रखने की मुहीम पर जोर दिया है। पुराने पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए उन वृक्षों के मालिकों को प्रतिवर्ष 2750 रुपए की पेंशन देने की योजना शुरू की गई है। इसी योजना के तहत कुरुक्षेत्र में 68 पेड़ों को सहेजने के लिए उनके मालिकों को यह पेंशन दी जा रही है।

कुरुक्षेत्र में वन विभाग द्वारा 5 हजार वर्ष पुराने उस ऐतिहासिक और पौराणिक वट वृक्ष की पेंशन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को दी जा रही है। जहां पर मान्यता है कि महाभारत युद्ध के दौरान इसी वट वृक्ष के नीचे श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का अमर उपदेश दिया था। हरियाणा सरकार ने यह योजना इसलिए शुरू की है ताकि जो पुरानी धरोहर या जो आपके पुरखों द्वारा लगाए गए पेड़ पौधे हैं उनको संभालने में जो खर्च आए व खर्च बचाने के चक्कर में कोई पेड़ न कटवाए।

कुरुक्षेत्र में 68 पेड़ों को पेंशन थानेसर के वन राज्य अधिकारी शमशेर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के इस प्रयास के तहत अभी तक थानेसर शहर और उसके आसपास 68 पेड़ मिलें हैं। जिन्हें पेंशन दी जा रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि यदि उन की जानकारी में कोई ऐसे वृक्ष हैं जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है तो विभाग से संपर्क करें।

थानेसर के वन राज्य अधिकारी शमशेर सिंह

वन विभाग उस पेड़ के मालिक को भी 2750 रुपए पेंशन देगा। ताकि उस पेंशन से पेड़ का रख रखाव हो सके। पेड़ का भूमि घटाव रोका जा सके। पेड़ में दीमक या कोई बीमारी लगने पर उसमें कीटनाशक का छिड़काव मलिक कर सके। पुरानी धरोहर और आज की सबसे बड़ी जरूरत पेड़ों को सहेज कर रखा जा सके।

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