Aaj Samaj (आज समाज), Kurukshetra International Geeta Mahotsav, कुरूक्षेत्र,14 दिसंबर, इशिका ठाकुर
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र ब्रह्म सरोवर में शिल्पकार अपनी प्रदर्शनी लगाकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को और भी ज्यादा शानदार बनाने का काम कर रहे हैं, अंत र्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देशभर से कलाकार व शिल्पकार आए हुए हैं जो अपनी प्रदर्शनी यहां पर लगाकर गीता महोत्सव पर आए हुए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए है ऐसे ही एक शिल्पकार राजस्थान के किशनगढ़ से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आए हैं जो सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग की यहां पर प्रदर्शनी लगाई हुए हैं , जिनकी कीमत लाखों रुपए में होती है, हालांकि यहां पर सिर्फ एक लाख तक की पेंटिंग लेकर आए हैं लेकिन ऑर्डर पर जो भी जितनी महंगी पेंटिंग चाहता है उस आधार पर पेंटिंग पर काम किया जाता है जो 1 लाख से ज्यादा महंगी भी होती है.
सोने के पानी से तैयार की राधा कृष्ण की पेंटिंग
शिल्पकार दिलीप कोठारी ने कहा कि पिछले करीब 30-35 वर्षों से पेंटिंग बनाने का काम कर रहे हैं उन्होंने बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई के दौरान अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी और उसके बाद उन्होंने शिल्प कला की तरफ रुख किया, उसको ही अपना भविष्य बनाने के लिए पूरी लगन के साथ उसकी सीखा और कमर्शियल आर्ट की तरफ विशेष फोकस रखा. उन्होंने बताया कि ज़ब उन्होंने शुरुआत की थी तो उन्होंने कई प्रकार की पेंटिंग बनाने का काम किया लेकिन आप लोगों से कुछ हटकर करने के लिए सोने के पानी से पेंटिंग बनाने का काम किया. जिसको लेकर वह अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आए हैं.
साइज के हिसाब से होती है पेंटिंग की कीमत
उन्होंने कहा कि उनके पास जितने भी पेंटिंग है साइज के हिसाब से उनका रेट निर्धारित किया गया है सोने के पानी वाली पेंटिंग 25000 से लेकर ₹100000 तक कि वह लेकर आए हैं, अगर कोई व्यक्ति ऑर्डर पर बनवाना चाहता है तो इससे महंगी भी वह बना देते हैं लेकिन वह सिर्फ ऑर्डर पर ही बनाते हैं, इससे अलग वह एंब्रोस वर्क और वेलवेट पर बनी पेंटिंग पर भी काम करते हैं जिसको भी लोग खूब पसंद करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पिछले वर्ष उन्होंने 70000 की सोने के पानी वाली पेंटिंग बेची थी.
ज्यादातर पेंटिंग में दिखाते हैं भगवान श्री कृष्ण की लीला
उन्होंने कहा कि वह वैसे तो हर प्रकार की पेंटिंग बनाते हैं लेकिन जिस पेंटिंग पर सोने के पानी से काम किया जाता है वह ज्यादातर पेंटिंग श्री कृष्ण भगवान से संबंधित होती है उनकी लीलाओं को पेंटिंग के जरिए दर्शाने का काम किया जाता है. यहां पर सोने के पानी से बनी वह कई पेंटिंग लेकर आए हुए हैं जो सभी पेंटिंग श्री कृष्ण भगवान की हैं. जिसको लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
100 साल तक नहीं होती पेंटिंग खराब
शिल्पकार ने बताया कि सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग पर इंसान जैसे पैसे लगाते हैं वैसे ही उनका काम किया हुआ मिलता है अगर कोई इंसान एक बार सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग अपने घर में लेकर जाता है तो वह 100 साल से ज्यादा समय तक या यें कहे पूरी जिंदगी तक खराब नहीं होती क्योंकि उसकी विशेषता बहुत अच्छी होती है उसे पर सोने के पानी से बारीकी से काम किया जाता है. एक पेंटिंग बनाने में करीब एक महीना लग जाता है धीरे-धीरे उस पर सोने के पानी से आर्ट बनाई जाती है .
देश के कोने कोने में अपनी पेंटिंग की लगते हैं प्रदर्शनी
उन्होंने कहा कि वह देश के जितने भी बड़े इस प्रकार के मेले आयोजित किए जाते हैं उन सभी में वह अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगते हैं वह सरकार द्वारा अधिकृत शिल्पकार है और उनकों निमंत्रण मिलता है जिसके चलते वह हर बड़े प्रोग्राम में प्रदर्शनी लगाने के लिए जाते हैं.
उनकी पेंटिंग के लोग दिल लगा के कर रहे खरीदारी
शिल्पकार ने कहा कि पिछले काफी वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आ रहे हैं और यहां पर उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग को यहां पर आए हुए पर्यटकों के द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, जिसके हर वर्ष यहां पर आते हैं.