Kurkushetra News : अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर आई फोटो पर क्लिक करना पड़ सकता है जेब पर भारी : पुलिस अधीक्षक

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Clicking on a photo sent on WhatsApp from an unknown number can cost you a lot Superintendent of Police
  • साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस ने की एडवाइजरी जारी 

(Kurkushetra News) कुरुक्षेत्र। पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र नीतीश अग्रवाल ने आमजन को साइबर अपराधों के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी को आसान बना रही है लेकिन साइबर अपराधी इसी टेक्नोलॉजी का फायदा उठाकर अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। अब सिर्फ फर्जी कॉल या ईमेल ही नहीं बल्कि एक साधारण फोटो भी आपके मोबाइल और बैंक अकाउंट को हैक कर आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है।

साइबर ठगों ने अब एडवांस टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए ठगी का नया पैंतरा ईजाद किया है। उन्होंने कहा कि साइबर ठग अब लिंक नहीं फोटो भेजकर व्हाट्सएप कॉल करते हैं और उनके द्वारा व्हाट्सएप पर भेजी गई फोटो को पहचान के लिए कहते हैं। जैसे ही कोई उस फोटो या लिंक पर क्लिक करता है उसके फोन में एक वायरस या हैकिंग एप इंस्टॉल हो जाता है क्योंकि फोटो में खतरनाक मैलिशियस लिंक छिपा होता है।

व्हाट्सएप इमेज स्कैम से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता ही आपका मुख्य हथियार है

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि टेक्नोलॉजी की भाषा में इसे ट्रोजन हॉर्स अटैक या रिमोट एक्सेस ट्रोजन स्कैम भी कहा जा सकता है। इसमें ठग यूजर के फोन का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं, और आपकी सारी इनफॉरमेशन जैसे गुगल, पेटीएम, फोन-पे ऑनलाइन नैट बैंकिंग से संबंधित पासवर्ड व डॉक्यूमेंट उनके पास पहुंच जाते हैं और आसानी से आपको साइबर ठगी का शिकार बना लेते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि व्हाट्सएप इमेज स्कैम से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता ही आपका मुख्य हथियार है। अगर किसी अनजान व्यक्ति से कोई तस्वीर, डॉक्यूमेंट या लिंक मिलता है तो उसे बिना जांचे-परखे न खोलें।

कई बार ये फाइल्स देखने में सामान्य लगती हैं लेकिन इनमें छिपा वायरस आपके फोन में घुसकर आपकी पर्सनल जानकारी चुरा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इमेज वायरस (मालवेयर) से संक्रमित है तो उसे बस डाउनलोड या खोलने भर से आपका फोन खतरे में आ सकता है। कई बार इन इमेज फाइल्स में खतरनाक कोड या स्क्रिप्ट्स छिपे होते हैं, जो फोन में अपने आप इंस्टॉल हो जाते हैं और उसे हैक कर सकते हैं। यह खासतौर पर जेपीईजी, पीएनजी, जीआईएफ जैसी इमेज फॉर्मेट्स में भी हो सकता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अलावा अपनी शिकायत साइबर क्राइम थाना या आपके संबंधित थाने में स्थापित साइबर हैल्प डेस्क पर दें सकते हैं।

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