Prayagraj Mahakumbh 2025, अजय त्रिवेदी, (आज समाज), लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ के लिए सनातन परंपरा के धव्ज वाहक कहे जाने वाले संतो के अखाड़ों का प्रवेश शुरु हो गया है। महाकुम्भ 2025 (Mahakumbh 2025) के लिए शनिवार को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने पूरी भव्यता और राजसी अंदाज के साथ महाकुम्भ नगर में प्रवेश किया।
जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) ने भी अनुगामी बनकर अपनी छावनी में प्रवेश किया। पंच दशनाम जूना अखाड़े ने अपने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी की अगुवाई में अपनी छावनी में प्रवेश किया। जूना अखाड़े के श्री मौज गिरी आश्रम से शुरू हुई हुआ जूना का छावनी प्रवेश महा कुम्भ नगर के सेक्टर 20 में समाप्त हुआ।
प्रवेश यात्रा में 65 महा मंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया
जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी का कहना है कि इस प्रवेश यात्रा में आचार्य महा मंडलेश्वर सहित 65 महा मंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया। 100 से अधिक शाही बग्घियों में सवार होकर 8 हजार से अधिक साधु संत छावनी पहुंचे। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी का कहना है कि दुनिया भर के करोड़ों लोगों की नजरें हमारे सनातन संस्कृति के कालजयी पर्व पर हैं। हमारे अखाड़े का छावनी प्रवेश में पहला दिन होगा जिसके बाद अखाड़े के सभी पूजा अनुष्ठान छावनी में स्थापित देवता के समक्ष होंगे।
किन्नर अखाड़े ने भी निकाली अपनी प्रवेश यात्रा
श्री पंच दशनाम अखाड़े के साथ उसका अनुगामी बनकर किन्नर अखाड़े ने भी अपनी प्रवेश यात्रा निकाली। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें किन्नर अखाड़े के सैकड़ों सदस्यों ने हिस्सा लिया। भव्य राजसी सिंहासनों में सवार होकर किन्नर अखाड़े की सवारी निकली। पंच दशनाम अखाड़े के छावनी प्रवेश मार्ग में योगी सरकार की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई थी।
मार्ग को पहली बार बिजली के तारों से मुक्त किया गया
सम्पूर्ण मार्ग को पहली बार अखाड़ों के जुलूस के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों से मुक्त कर दिया गया। इसके अलावा मार्ग से बिजली के पोल हटाकर अंडर ग्राउंड केबल बिछाई गई। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि छावनी प्रवेश के सभी मार्गों से बिजली के पोल हटा दिए गए हैं। अंडर ग्राउंड केबल से बिजली आपूर्ति की जा रही है।
रोड क्रॉसिंग तारों को केबल में बदला
लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से मेला क्षेत्र में प्रमुख प्रवेश मार्गों पर रोड क्रॉसिंग तारों को केबल में बदला गया है। इससे अखाड़ों के संतों के जुलूस निर्बाध रूप से शहर से छावनी में प्रवेश कर सकेंगे। चौड़ी और विस्तारित सड़कों के निर्माण से मार्ग में जाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल गया। स्पेन से आई जूना अखाड़े की अवधूत संत अंजना गिरी बताती हैं कि वह 30 बरस से हर कुम्भ और महाकुम्भ आ रही हैं लेकीन महा कुम्भ में इतनी स्वच्छता और इतनी भव्यता कभी नहीं दिखी।