डॉ दिलीप अग्निहोत्री, (आज समाज), लखनऊ: करीब 500 वर्ष बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद को उसका पौराणिक नाम बहाल किया था। इसके बाद 2019 का कुंभ प्रयागराज में हुआ। इस बार भी भारतीय संस्कृति का प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ मेला हमेशा की तरह इस बार भी मकर संक्रांति (13 जनवरी 2025) पौष पूर्णिमा से शुरू होगा जिसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज में कुंभ नगर की स्थापना की है। इसमें प्रयागराज के सदर तहसील,करछना, फूलपुर, और सोरांव के करीब सत्तर गांव और मोहल्ले शामिल हैं।
‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश देती है भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश देती है। कुम्भ देश की विविधता एवं समृद्ध संस्कृति को सीखने, जानने और समझने का अवसर है। कुम्भ में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को विभिन्न प्रदेशों की अनेक कलायें देखने को मिलती हैं। कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर प्रयागराज अनेक फ्लाईओवर और अण्डर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। सैकड़ों सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। चौराहों का भी चौड़ीकरण और सौन्दर्यीकरण किया गया है। मेला क्षेत्र का एरिया पहले के मुकाबले बढ़ाया गया है। अनेक पान्टून ब्रिज बनाए गए।
40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
इस बार दुनिया के करीब चालीस करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के महाकुम्भ में आने का अनुमान है। योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए कटिबद्ध हैं। उनके विजन और मार्गदर्शन के मुताबिक मेला प्राधिकरण और अन्य सभी विभाग महाकुम्भ की तैयारियों में पूरे जोश और उत्साह के साथ कार्यरत हैं।
भारतीय दर्शन में कुम्भ की दिव्य प्रतिष्ठा रही है। 2019 में ही योगी आदित्यनाथ ने भव्यता की भी बहुत बड़ी लकीर खींच दी थी। यह कार्य केवल शासन सत्ता के माध्यम से नहीं हो सकता था। इसके लिए आस्था का धरातल होना अपरिहार्य होता है। योगी आदित्यनाथ ने इसी भावना से कुम्भ तैयारियों का निर्देशन किया था। यही कारण है कि प्रारम्भ से समारोप तक जय जय होती रही। जो यहां आया वह व्यवस्था से प्रभावित होकर ही वापस लौटा था।
कुम्भ में कई विश्व स्तरीय कीर्तिमान स्थापित हुए
2019 के प्रयागराज कुम्भ में कई विश्व स्तरीय कीर्तिमान स्थापित हुए थे। योगी ने उस अर्ध कुंभ की ऐसी व्यवस्था की थी। तभी यह अनुमान लगाया जा रहा था कि 2025 के पूर्ण कुंभ में भी उनके वैश्विक कीर्तिमान स्थापित होंगे। इस बार मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय हॉस्पिटल और खोया पाया केंद्र स्थापित किया गया है। प्रयागराज शहर में भी कई स्थाई व अस्थाई निर्माण कार्य हो रहे हैं। मेला प्राधिकरण, नगर निगम,लोक निर्माण प्रयागराज विकास प्राधिकरण, राज्य सेतु निगम व अन्य कई विभागों के निर्माण कार्य प्रयागराज में चल रहे हैं। इनमें से कई कार्य पूरे हो चुके हैं और कई अंतिम दौर में है।
श्रद्धालुओं को संस्कृति के रस से सराबोर करेंगे सितारे
बॉलीवुड के तमाम सितारे अपनी सुरीली आवाज में यहां श्रद्धालुओं को आध्यात्म और संस्कृति के रस से सराबोर करेंगे तो वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक संध्या में महाकुम्भ से जुड़ी गाथाओं और रामलीला व महाभारत की लीलाओं का भी मंचन होगा। आशुतोष राणा ‘हमारे राम’ पर अपनी प्रस्तुति देंगे तो एक्ट्रेस और सांसद हेमामालिनी गंगा अवतरण पर कला का परिचय देंगी। महाभारत सीरियल फेम पुनीत इस्सर महाभारत की अपनी प्रस्तुति से लोगों को प्रचीन भारत के युग में ले जाएंगे। यह सभी कार्यक्रम गंगा पंडाल में आयोजित किए जाएंगे।
कवि सम्मेलन का आयोजन
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा इसका आयोजन किया जाएगा। भोजपुरी और बॉलीवुड एक्टर व गोरखपुर के सांसद रवि किशन शिव तांडव की प्रस्तुति देंगे। देश के प्रसिद्ध कवियों द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। देश के जाने-माने बैंड भी देंगे अपनी प्रस्तुतियां देंगे। प्रयागराज कुंभ सामाजिक सद्भावना का भी प्रतीक है। कुंभ की विरासत को सर्व सिद्धिप्रदः कुंभ: के संदेश के साथ प्रचारित किया गया।
सरकार विरासत को संरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित
वर्तमान सरकार अपनी विरासत को संरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित है। 2019 में भी योगी सरकार ने धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुम्भ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता,सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था। उसमें योगी आदित्यनाथ के निमंत्रण पर पहली बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रतिनिधि कुम्भ स्नान हेतु पहुंचे थे। यहां आकर यह सभी भाव विभोर थे। ये सभी प्रतिनिधि काशी में हुए प्रवासी सम्मेलन हेतु आये थे। प्रयागराज कुम्भ का इनका कार्यक्रम बाद में बनाया गया।
इस बार तैयारियों के साथ आस्था का भी समावेश
इस बार प्रयागराज कुम्भ में तैयारियों के साथ आस्था का भी समावेश हुआ था। यह योगी की निजी आस्था के कारण संभव हुआ। सरकारी मशीनरी ने भी इसी भावना से कार्य किया। पचास वर्षों में पहली बार तीर्थयात्रियों को इतना शुद्ध जल स्नान हेतु उपलब्ध हुआ था। पहली बार तीर्थयात्री पौराणिक अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का अवसर मिला था। आस्था के जुड़ाव से पूरा माहौल ही बदल जाता है। इस अवसर के लिए प्रयागराज में सांस्कृतिक केन्द्र के कलाग्राम की स्थापना की गई थी। यहां चलो मन गंगा यमुना तीर कार्यक्रम ने लोगों को बहुत प्रभावित किया था।
यूनेस्को ने दी थी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा
यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा दी थी। योगी सरकार ने पौराणिक नाम प्रयागराज पुनःस्थापित किया। सरकार ने कुम्भ के अवसर पर अक्षयवट एवं सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोला गया था।उस समय प्रवासी सम्मेलन के प्रतिनिधियों के अलावा इकहत्तर देशों के राजदूत मेला क्षेत्र के भ्रमण हेतु आये थे। शुद्ध जल के लिये गंगोत्री से लेकर प्रयागराज तक गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोका गया था। 2019 प्रयागराज कुंभ का भव्य दिव्य आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियों में शामिल है। इसमें अनेक वैश्विक कीर्तिमान कायम हुए थे। सर्वाधिक संख्या में यहां स्नाननार्थी पहुंचे थे।
2019 में स्वच्छ कुंभ और सुरक्षित कुंभ की थीम सफल रही
2019 में स्वच्छ कुंभ और सुरक्षित कुंभ की थीम सफल रही थी। आठ घंटे तक हजारों विद्यर्थियो ने पेंटिंग बनाई थी। गिनीज विश्व बुक रिकार्ड कायम हुआ। दस हजार सफाई कर्मियों ने एकसाथ सफाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ में चौबीस करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इतनी बड़ी संख्या की निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम स्थापित किया गया था। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी प्रयोग किया गया। प्रयागराज कुम्भ के दौरान प्रधानमंत्री ने सफाईकर्मियों के पांव पखारे थे।
विकास एवं सुव्यवस्था के लिए पूरे विश्व में जाना गया
कुंभ अपनी अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं सुव्यवस्था के लिए पूरे विश्व में जाना गया। कुंभ का ऐतिहासिक महत्व विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार का आयोजन अन्यत्र कहीं भी नहीं होता है। यह उचित है कि प्रत्येक सरकारें अपने स्तर पर इसके निर्बाध आयोजन का प्रयास करती रही हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे यहीं तक सीमित नहीं रखा। उसने अपने को भावनात्मक रूप से भी कुम्भ से जोड़ा है। यह अंतर तैयारियों में भी दिखाई देता है। सरकार के प्रयासों से पहली बार किले में हनुमान जी और सरस्वती कूप के दर्शन की व्यवस्था की गई थी। योगी ने अपनी कैबिनेट की बैठक प्रयागराज में करके बड़ा सन्देश दिया था। कैबिनेट बैठक का केंद्र बिंदु प्रयागराज ही था।
कनेक्टिविटी के लिए गंगा एक्सप्रेस वे प्रस्तावित
प्रयागराज की कनेक्टिविटी के लिए गंगा एक्सप्रेस वे प्रस्तावित किया गया था। फोर लेन वाला यह एक्सप्रेस वे विश्व का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। यह पश्चिमी यूपी को प्रयागराज से जोड़ेगा। 600 किमी लंबा यह एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज आएगा। यह एक्सप्रेस वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ेगा। प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा की स्थापना उपरांत पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया। यहां पर सरकार अब महर्षि भारद्वाज आश्रम का भी भव्य सौंदर्यीकरण संभव हुआ। प्रयागराज से चित्रकूट के बीच पहाड़ी में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा और रामायण शोध संस्थान बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।