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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक सड़क हादसे कई दिलों में जख्म दे गया। जख्म भी ऐसा जो ताउम्र नहीं भरेगा। यहां एक ही गांव के चार लोगों की मौत हो गई।
हादसे में अपनों को खोया, पसीज गया दिल
हादसे के बाद परिवार के सदस्यों को आंखों के सामने तड़पता देख हर किसी का दिल बैठ गया होगा। धारठा गांव के जीतराम की स्कूल आ रही बेटी अनीता भी हादसे में दम तोड़ चुकी थी। विज्ञान संकाय की होनहार छात्रा रविवार की छुट्टी मनाने घर आई थी। तुंग गांव के प्रेम चंद पर भी हादसा कहर बनकर टूटा। हादसे में उनकी पत्नी पार्वती और बेटी तनु की मौत हो गई।
देहुरीधार पंचायत के तुंग गांव में सन्नाटा पसरा रहा। इस गांव के चार लोग अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। गांव के 70 वर्षीय फतेह चंद और 21 वर्ष के सुशील कुमार भी हादसे का शिकार हो गए। शैंशर में मजदूरी कर परिवार का पालन पोषन कर रहे पंच बहादुर का 16 साल का बेटा आकाश अपनी मां राखी के साथ रोपा जा रहा था। घर से कुछ ही दूरी पर दोनों उससे हमेशा के लिए बिछड़ गए।
झाबलू को साढ़े तीन घंटे बाद निकाला
बजाहरा गांव के अजवीर सिंह के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हादसे में दम तोड़ने वाली उसकी 28 साल की पत्नी झाबलू देवी थीं। झाबलू को बस के नीचे से साढ़े तीन घंटे के बाद निकाला गया। उस समय उसकी सांसें चल रही थीं। सैंज अस्पताल लाते समय रास्ते में अजवीर की बाहों में उसने साथ छोड़ दिया।
सभी लोगों का पोस्टमार्टम कर दिया गया है। दोपहर बाद तुंग गांव एक साथ चार चिताओं को अग्नि दी गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैंज स्थित सीआईएसएफ की इकाई पीएचईपी-तीन कुल्लू ने मुस्तैदी दिखाते हुए बचाव कार्य में सहयोग किया। इकाई प्रभारी सहायक कमांडेंट शिव प्रकाश की अगुवाई में बल के 24 सदस्यों की टीम घटनास्थल पर तुरंत पहुंची और मोर्चा संभाला। स्थानीय लोगों ने टीम का आभार प्रकट किया है।
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