Aaj Samaj (आज समाज), Kulgam Encounter Update, श्रीनगर: सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में तीसरे आतंकी को भी मार गिराया है। रेडवानी इलाके में सोमवार रात से मुठभेड़ चल रही थी और मंगलवार को दो आतंकी मारे गए थे और तीसरा बच निकलने में सफल रहा था। कई घंटों की मशक्कत के बाद सुरक्षाबलों ने तीसरे दहशतगर्द को भी मार गिराया। भारतीय सेना के चिनार कोर ने एक्स पर यह जानकारी दी।
40 घंटे की निरंतर निगरानी के बाद बुधवार शाम मिली कामयाबी
अधिकारियों ने बताया कि कुलगाम के सामान्य क्षेत्र रेडवानी पाइन में 6-7 मई की मध्यरात्रि को संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि लगभग 40 घंटे की निरंतर निगरानी के बाद बुधवार शाम को सुरक्षाबलों ने तीसरे आतंकी को भी मार गिराया और इसी के साथ मुठभेड़ खत्म हो गई। मंगलवार को जो दो आतंकी मारे गए थे उनमें टीआरएफ का शीर्ष कमांडर बासित अहमद डार और उसका साथी फहीम अहमद बाबा शामिल था। तीसरा आतंकी मोमिन था। सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात को इलाके में तीन की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने आॅपरेशन शुरू किया था।
वायुसेना के काफिले पर हमले में शामिल थे तीन से ज्यादा आतंकी
उधर पुंछ के डन्ना शाहस्तार में वायुसेना के काफिले पर पिछले सप्ताह शनिवार को हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू हमजा समेत तीन से ज्यादा आतंकी शामिल थे। सीसीटीवी में कैद तीन दहशतगर्दों की तस्वीरें बुधवार को वायरल हुईं। इनमें लश्कर का पाकिस्तानी कमांडर अबू हमजा, पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो इलियास फौजी व पाकिस्तानी दहशतगर्द हदून नजर आ रहा है। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि आतंकी 20 मिनट तक अंधाधुंध गोलीबारी करते रहे।
आतंकवाद को बढ़ाने में पाकिस्तान के शामिल होने का प्रमाण
सुरक्षाबलों को आशंका है कि यही आतंकी राजौरी में भी अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए घटनाओं को अंजाम देने में शामिल हैं। इनके फोटो सामने आने से एक बार फिर जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ाने में पाकिस्तान के शामिल होने का प्रमाण मिला है। आतंकियों की तस्वीरें वायरल होने के आधार पर सुरक्षाबल जल्द इन आतंकियों को भी ठिकाने लगा सकते हैं।
हमले के प्रत्यक्षदर्शी असगर की जुबानी
उधर वायुसेना के काफिले पर हमले के एक प्रत्यक्षदर्शी असगर ने बताया, हमले के दौरान करीब 20 मिनट तक गोलीबारी होती रही। गोलियों की आवाज सुनकर मेरे बच्चे रोने लगे। हम डर गए थे। उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट रूप से यह नहीं कह सकता कि वहां कितने आतंकी थे क्योंकि मैं उन्हें घने जंगलों के कारण नहीं देख सका। इस इलाके में इस तरह की पहली मुठभेड़ थी। मैं हर रोज अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत रहता हूं। हमले के बाद से इस दूरदराज इलाके में रोज की आवश्यक आपूर्ति वाले वाहनों ने भी आना बंद कर दिया है।
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