Hisar News: कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे की बीयर के साथ फोटो वायरल

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कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे की बीयर के साथ फोटो वायरल
Hisar News: कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे की बीयर के साथ फोटो वायरल

अखिल भारतीय बिश्नोई सभा में विवाद बढ़ा
पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया शराब पीते फोटो हुई थी वायरल
Hisar News (आज समाज) हिसार: अखिल भारतीय बिश्नोई सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के अपमान से शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया की शराब पीते हुए फोटो वायरल हुई। उसी के कुछ देर बाद अखिल भारतीय बिश्नोई सभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई के बेटे चैतन्य बिश्नोई की शराब पीते हुए फोटो वायरल हो गई। जिस कारण दोनों के बीच जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कुलदीप बिश्नोई व देवेंद्र बूड़िया दोनों की एक दूसरे को पद से हटा चुके है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने तो अखिल भारतीय बिश्नोई सभा से संरक्षक का ही पद खत्म कर दिया है।

वहीं कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न की उपाधि तक वापस ले ली गई है। कुलदीप बिश्नोई बूड़िया को हटाकर परसराम बिश्नोई को अखिल भारतीय बिश्नोई सभा की जिम्मेदारी सौंप चुके है। देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर बिश्नोई समाज के संत लालदास योग गुरु ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। संत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर ही सब कुछ हुआ है। वहीं देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर विधायक रणधीर पनिहार ने कहा था कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। बूड़िया साहब आज भी मेरे अच्छे दोस्त हैं और उनसे मेरी अकसर मुलाकात होती रहती है। सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐसा क्यों बोला मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

बैठक में यह लिए गए थे निर्णय

इससे पहले गत 13 नवंबर को बीकानेर जिले के नोखा स्थित मुकाम धाम में बिश्नोई समाज की एक बैठक हुई थी। बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए। कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। सभा का लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव किया जाएगा। कुलदीप बिश्नोई ने ही देवेंद्र को प्रधान बनाया था और फिर उन्होंने ही एक पत्र जारी कर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था, लेकिन कुलदीप के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया। इस विवाद को खत्म करने के लिए समाज ने फैसला लिया है कि चुनाव तक देवेंद्र ही प्रधान बने रहेंगे। साथ ही बिश्नोई रत्न का सम्मान कुलदीप से वापस लिया जाएगा। कुलदीप बिश्नोई या फिर उनके परिवार का कोई भी सदस्य महासभा में कोई भी दखलअंदाजी नहीं करेगा।

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