तीन दिवसीय आदमपुर के दौरे पर पिता-पुत्र की जोड़ी
Hisar News (आज समाज) हिसार: करीब 57 साल बाद आदमपुर में मिली करारी शिकस्त को भजनलाल परिवार पचा नहीं पा रहा है। भजनलाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई व उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने शायद कभी कल्पना भी नहीं की होगी के उनको यहां से हार का सामना करना पड़ेगा। आदमपुर को भजनलाल परिवार का गढ़ कहा जाता था। हरियाणा में चाहे किसी भी पार्टी की आंधी चली हो लेकिन आदमपुर का किला कभी कोई भेद ही नहीं पाया था। अबकी बार चुनाव में भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी मैदान में थी।
कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर से दूसरा विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन अबकी बार जब नतीजा आया तो सब चौंक गए। भव्य बिश्नोई को कभी भजनलाल परिवार के खासमखास कहे जाने वाले पंडित रामजीलाल के भतीते पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश ने करीबी मुकाबले में मात दे दी। इस हार ने कुलदीप और भव्य बिश्नोई की लीडरशिप पर सवाल खड़े कर दिए। ऐसे में वह जनता के बीच जाकर दोबारा अपनी खिसक चुकी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। हार के बाद दोनों पिता-पुत्र भावुक हो उठे। अब इसी हार के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए कुलदीप बिश्नोई व भव्य बिश्नोई ने आदमपुर की जनता जा रहे है।
अपने इस तीन दिवसीय दौरे का आज अंतिम दिन है। बिश्नोई परिवार अपने इस दौरे के दौरान आदमपुर के करीब 54 गांवों को कवर करेगा। कुलदीप व भव्य खुद द्वारा किए गए विकास कार्यों को जनता के सामने रख रहे है। वहीं भव्य बिश्नोई यह भी कह रहे है कि अगर अबकी बार हार न होती तो शायद आदमपुर को बहुत बड़ा पद मिलता।
हमसे भूल चूक हुई
बिश्नोई परिवार गांव-गांव जाकर कह रहा है कि आदमपुर उनका परिवार है। अगर थोड़ा जोर और लगा देते थे तो भजनलाल परिवार का स्वर्णिम दौर वापस आ सकता था। मगर, फिर भी लोगों के काम न पहले रुके थे, न इस बार रुकेंगे। पहले भी केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी और अब भी है। आज भी किसी अधिकारी के पास काम लेकर जाते हैं तो वह मना नहीं करता। भव्य बिश्नोई ने आदमपुर के एक गांव में लोगों से कहा कि आप सभी और हमसे भूल चूक हुई। मगर, आप चिंता मत करें, ऊपर और नीचे सरकार हमारी है। आपके काम में कभी रुकावट नहीं आएगी। पहले की तरह ही हम आपका काम करते रहेंगे।
यह भी पढ़ें :हरियाणा में 27 आईएएस अधिकारियों का तबादला