Aaj Samaj (आज समाज),Kshullak Shri Parv Sagar reached the Parliament of London on the invitation, पानीपत: इंग्लैंड की संसद हुई कड़वे प्रवचन और तरुणसागर मय इतिहास में पहली बार कोई जैन सन्त लघुमुनि क्षुल्लक श्री पर्व सागर निमंत्रण पर पहुँचे लंदन की संसद में। अपने गुरु की 56वी जन्म जयंती पर इस ऐतिहासिक घटना को उन्होंने बताया देश और दुनिया के लिए साकारात्मक पहल। उन्होंने इसके लिए दादा गुरु गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी और आचार्य श्री तरूण सागर जी महाराज का उनके पर विशेष आशीर्वाद को अपनी उर्जा माना।
- तरुण गुरु की जन्मजयंती पर शिष्य पर्व की देश व दुनिया को गुरु समर्पण की अनोखी सौगात
- रचा एक नया इतिहास
कड़वे प्रवचन पुस्तक का भी अवलोकन किया
गुरु मंत्र देता है और उसके विस्तार की ज़िम्मेदारी शिष्य की होती है। आज का यह ऐतिहासिक क्षण धर्म व राष्ट्र संस्कृति की प्रभावना है यह उनके गुरु मंत्र का विस्तार है। ब्रिटिश संसद भवन में क्रांतिकारी राष्ट्रसंत जैनमुनि तरूणसागर महाराज की एक प्रतिमा का लोकार्पण भी हुआ व अंग्रेज़ी कड़वे प्रवचन पुस्तक का भी अवलोकन किया गया।
गुरु के आशीर्वाद स्वरूप पूज्य पर्वसागरजी महाराज ने यूके सरकार के मंत्री व अनेक सांसदों को कड़वे प्रवचन पुस्तक आशीर्वाद रूप में प्रदान की। ब्रिटिश सरकार का प्रीतिनिधित्व करते हुए सरकार के मंत्री व सांसद ग्रेथ थॉमस ने पूज्य पर्व सागर महाराज को उनकी विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा को यूके की उपलब्धि बताई और उन्होंने अपनी ओर से तरूणसागर महाराज के 56 वी जन्म जयन्ति पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि जैन धर्म व यूके के इतिहास में प्रथम जैन संत की पहली यात्रा की खुशी ज़ाहिर करते हुए सरकार की ओर से उन्हें सम्मान स्वरूप उनके चरणों में एक आवार्ड भी समर्पित किया।
प्रमुख संत राजराजेश्वर सम्मिलित रहे और ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने
इस अवसर पर हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार में समर्पित सिद्धाश्रम प्रमुख संत राजराजेश्वर सम्मिलित रहे और ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने। इस अवसर पर पर्व सागर जी ने कहा कि गुरुदेव तरूण सागर के 4 सपनों में एक सपना था विधानसभा और लोकसभा में कड़वे प्रवचन के माध्यम से देश की राजनीति को उपदेश देना उसी के तहत ही आज उनके जन्मदिवस पर देश से बाहर अर्थात् इंग्लैंड की संसद में आज के दिन मेरा आना सरकार का बुलाना निश्चित ही उनकी ऊर्जा की मौजूदगी को दिखाती है।
इस महाविनाश से बचना है तो महावीर ही मात्र एक विकल्प
इस अवसर पर अपना आशीष देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया को महाविनाश से बचाना है तो महावीर और उनकी अहिंसा को जानना व जीना होगा। जहां आज दुनिया हिंसा के अनेक हथियार एकत्रित किए हुए बैठी है। जो महाविनाश का कारण बनेगी और अगर इस महाविनाश से बचना है तो महावीर ही मात्र एक विकल्प है। उनकी अहिंसा समरसता और विश्व मैत्री ही सब कुछ सुधार सकती है। जानकारी देते हुए मेहुल जैन एडवोकेट ने बताया कि इतिहास की दृष्टि से आज का दिन जैन समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर विदेश की धरती पर दिगंबर परम्परा के जैन संत की धर्म प्रभावना यात्रा चल रही है और दूसरी विश्व प्रसिद्ध राष्ट्र संत तरूण सागर एकलौते शिष्य आज भारतीय संस्कृति और जैन धर्म के उपदेशों के लिए ब्रिटिश संसद में आमंत्रित किए गए।