Krishna Janmashtami: 26 अगस्त को है कृष्ण जन्माष्टमी , इस प्रकार करें पूजा- अर्चना

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26 अगस्त को है कृष्ण जन्माष्टमी , इस प्रकार करें पूजा- अर्चना
26 अगस्त को है कृष्ण जन्माष्टमी , इस प्रकार करें पूजा- अर्चना

Krishna Janmotsav,(आज समाज)नई दिल्ली: : भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसी के उपलक्ष में हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है. अबकी बार लोगों में काफी कंफ्यूजन बना हुआ है कि कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को है या फिर 27 अगस्त को, आज की इस खबर में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं.

कब है कृष्ण जन्माष्टमी?

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को सुबह 3:39 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 27 अगस्त को सुबह 2:19 मिनट पर होगा. ऐसे में अबकी बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त के दिन मनाया जाएगा. इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5251 में जन्मोत्सव मनाया जाएगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 12:27 मिनट से लेकर दोपहर 12:44 मिनट तक रहेगा.

श्री कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा और वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ दिखाई देती है. मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना करने से जीवन में मौजूद हर दुख, दोष और दरिद्रता दूर हो जाती है. कृष्ण भक्त इस दिन व्रत करते है और बाल गोपाल का भव्य श्रृंगार करते हैं और रात में 12:00 बजे रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म करवाया जाता है.

इस प्रकार करें कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा

  • इसके लिए सबसे पहले आपको उठकर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना है.
  • इसके बाद, स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें.
  • जिस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप या लड्डू गोपाल की मूर्ति स्थापित हो, वहां पर आपको थोड़ा गंगाजल डालकर साफ- सफाई करनी चाहिए.
  • उसके बाद, मंदिर को अशोक की पत्ती, फूल माला और सुगंध इत्यादि से सजाना चाहिए.
  • अब आपको उस स्थान पर छोटे बच्चों को बिठाकर खाना खिलाना है.
  • आप चाहे तो इस दिन श्रीहरि का कीर्तन भी करवा सकते हैं.
  • अगर संभव हो तो आपको व्रत भी अवश्य ही करना चाहिए.