अंबाला। लोकसभा चुनाव का रंग फिजा पर भारी है। गांव की चौपाल से लेकर शहरों की ऊंची अटारियों तक सियासी नफे-नुकसान पर बहस जारी है। मुमकिन है मतदान की कतार में शकुनि, शिखंडी, गांधारी और पूतना भी आपके आसपास नजर आ जाएं। इतना ही नहीं धृतराष्ट्र, दुर्योधन, दुशासन और घटोत्कच भी वोट डालने पहुंचेंगे।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार महाभारत के पात्रों के नाम वाले मतदाता लाखों की संख्या में हैं। इसके अनुसार, 6.44 लाख कृष्ण अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान करेंगे तो करीब 30 लाख गीता भी मतदान के दिन घरों से निकलेंगी। शांतनु, भीष्म, विचित्रवीर्य के साथ धृतराष्ट्र और पांडु पर भी सरकार चुनने की अहम जिम्मेदारी है। महाभारत का हस्तिनापुर में आंखों देखा हाल सुनाने वाले संजय के हमनाम 26 लाख से ज्यादा हैं तो 75 धृतराष्ट्र भी इस सूची में दर्ज हैं।
यूं तो गांधारी, दुर्योधन, और दुशासन सरीखे पात्रों के अलावा जयद्रथ और अश्वत्थामा के नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं। इनके साथ विदुर और कर्ण भी ईवीएम का बटन दबाने पहुंचेंगे, लेकिन संख्या के मामले में पांडवों का कुनबा इन पर भारी है। युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव के साथ कुंती और द्रौपदी भी मतदाता हैं। महाभारत के रचयिता वेदव्यास की तादाद 1685 है तो 265 महाभारत भी हैं। देशभर की मतदाता सूची में 326 शकुनि तो 41 शिखंडी भी हैं।
तोड़ेंगे चक्रव्यूह
हरियाणा का कुरुक्षेत्र जिला लोकसभा क्षेत्र भी है। यहां वह वटवृक्ष भी है जहाँ कृष्णा ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। कुरुक्षेत्र की मतदाता सूची में 3722 कृष्णा 31 पार्थ और 3029 गीता हैं। संजय की की संख्या 1569 है।
प्रत्याशी भी हैं अर्जुन
एक तरफ जहां महाभारत के कई पात्र चुनावी महाभारत की दशा और दिशा तय करेंगे, वहीं कई ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिनके नाम महाभारत के पात्रों के नाम से मिलते हैं। ऐसा ही एक पात्र महाभारत की धरती कुरुक्षेत्र में है। चौटाला परिवार की नई पीढ़ी से अर्जुन चौटाला चुनाव मैदान में हैं। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इनेलो के टिकट से वो चुनाव लड़ रहे हैं।