आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। बरसत रोड स्थित कृपाल आश्रम नूरवाला पानीपत में मदर्स डे के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें परिचर इंदर कौर चावला कृपाल आश्रम पंजाब फिरोजपुर से पहुंची और सत्संग के माध्यम से संत राजिंदर सिंह महाराज की तालीम से अवगत कराया। मां और बच्चे के रिश्ते के बीच लालच का कोई स्थान नहीं होता। मदर डे एक ऐसा दिन होता है, जो कि सारे संसार में अपनी माताओं को सम्मान देने के लिए बनाया गया है। मां और बच्चे का संबंध ही एक प्रेम है। हमें जिंदगी कैसे जीनी चाहिए।
बाज, चिड़िया, मोर और चकोर की कहानी सुनाई
उन्होंने एक कहानी सुनाई कि एक पेड़ पर 4 पक्षी रहते हैं। बाज, चिड़िया, मोर और चकोर। बाज से पूछा गया कहा कि आप क्या करते हो बाज ने कहा मैं इतनी ऊंची उड़ान भरता हूं कि मेरे जैसी को ऊंची उड़ान नहीं भर सकता उसके अंदर अहम भाव दिखा। चिड़िया से पूछा कि आप क्या करती हैं। चिड़िया ने कहा कि मैं दाना चुुग कर आती हूं और अपने बच्चों का पेट पालती हूं और घोसले बनाती हूं। मोर से पूछा आप क्या करते हैं। मोर ने कहा मैं मंदिरों में बगीचों में नाच करता हूं और अपना प्रदर्शन भी दिखाता हूं। मुझे इसमें बहुत खुशी मिलती है। मोर भी अपनी जिंदगी में ही रह जाता है।
हजार काम छोड़कर भजन सिमरन करें
जब चकोर से पूछा गया कि आप क्या करते हैं तो चकोर ने कहा कि मैं पेड़ पर बैठे बैठे उस चंद्रमा को देखता हूं जिधर भी घूमता है मैं उसकी तरफ ही देखता रहता हूं। तो इसका मतलब है कि हमें हमेशा उस परमपिता परमात्मा का ही ध्यान रखना चाहिए। सत्संग में बताया कि महाराज कृपाल सिंह सत्संग में कहते थे कि हजार काम छोड़कर भजन सिमरन करें। 100 काम छोड़कर आप सत्संग में जरूर आएं।
किसी भी मां को वृद्धाश्रम नहीं छोड़ना चाहिए
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विजय जैन पहुंचे और उन्होंने भी कहा कि सभी माताओं का हमें सम्मान करना चाहिए। किसी भी मां को वृद्धाश्रम नहीं छोड़ना चाहिए। प्रधान सरदार राजा ने उनका पुष्पगच्छ भेंट कर सम्मान किया। उन्होंने बताया कि कृपाल आश्रम में सभी की सेवाओं के लिए एक बहुत बड़ा मेडिटेशन हाल बनाया जा रहा है। संगत को कहा कि आप सभी इस में तन मन धन से सहयोग करें। मुख्य अतिथि विजय ने भी हाल के लिए एक लाख रुपए की सेवा दी। सरदार राजा सिंह, सचिव योगराज व सभी बुजुर्गों का सम्मान किया।