Kolkata Rape & Murder Case, (आज समाज), कोलकाता: कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में पशिक्षू लेडी डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस हत्याकांड के बाद जांच के दायरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर लावारिस शवों को ‘बेचने’ के रैकेट में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है। अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने इसके अलावा भी उन पर कई आरोप लगाए हैं।
- छात्रों से रिश्वत लेते थे संदीप घोष
सीबीआई लगातार कर रही पूछताछ
सीबीआई लगातार संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसी ने आज लगातार छठे दिन उनसे पूछताछ की। अबतक उनसे 64 घंटे तक पूछताछ की गई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में भी चीफ जस्टिस ने संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाए थे। वित्तीय अनियमितता से जुड़े नए मामले में भी डॉ. घोष की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जांच में दोषी होने पर भी कार्रवाई नहीं : अख्तर
अख्तर अली ने यह भी दावा किया है कि संदीप घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल अपशिष्ट और मेडिकल उपकरणों की तस्करी में लगे हुए थे। अख्तर अली 2023 तक आरजी कर अस्पताल में ही नियुक्त थे। उन्होंने कहा कि राज्य सतर्कता आयोग के समक्ष इसको लेकर शिकायत भी की गई थी, पर जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
जांच रिपोर्ट भेजी तो मेरा तबादला कर दिया
अख्तर अली ने यह भी कहा है कि उन्होंने डॉ. संदीप घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को एक जांच रिपोर्ट भी भेजी थी, पर इसके बाद उनका आरजी कर अस्पताल से तबादला कर दिया गया था। उन्होंने कहा, जिस दिन मैंने जांच रिपोर्ट सौंपी, उसी दिन मेरी ट्रांसफर कर दी गई। जांच समिति के अन्य दो सदस्यों की भी ट्रांसफर कर दी गई। मैंने छात्रों को इस आदमी से बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकता था वह किया, पर मैं विफल रहा।
संदीप घोष को कुछ घंटों में दी गई थी नई नियुक्ति
बता दें कि डॉक्टर की हत्या पर विरोध के बीच इस्तीफा देने वाले संदीप घोष को उनके इस्तीफे के कुछ घंटों के भीतर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में नई नियुक्ति दी गई थी। हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस पर सरकार को फटकार लगाई थी और संदीप घोष को अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया था। अख्तर अली ने दावा किया कि संदीप घोष मेडिकल स्टूडेंट्स को पास कराने के लिए रिश्वत भी मांगते थे। उन्होंने कहा कि कॉलेज में कुछ छात्रों को जानबूझकर फेल कर दिया जाता था, ताकि वह पैसे वसूल सके। अख्तर अली ने आरोप लगाया कि संदीप घोष का हर जगह कमीशन तय था।