Lady Doctor Rape & Murder, (आज समाज), कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के हत्या के विरोध में आंदोलनरत जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने 42 दिन बाद आज आंशिक तौर पर काम करना शुरू कर दिया। अस्पताल में 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला थे और तब से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी काम पर लौटने की सलाह
मृत लेडी डॉक्टर के लिए जल्द इंसाफ की मांग के साथ ही अपनी कुछ और मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर कर रहे थे। राज्य की ममता सरकार उनसे कई बार काम पर लौटने की मांग कर चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदर्शनका२ी डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए कहा था।
ओपीडी ने आरंभ नहीं किया काम
बता दें कि डॉक्टरों ने फिलहाल आवश्यक सेवाओं के लिए ही काम करने का निर्णय लिया है। इसी के अनुसार आज सभी सरकारी अस्पतालों में उन्होंने आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में काम करना शुरू कर दिया। ओपीडी में डॉक्टरों ने अभी काम करना आरंभ नहीं किया है।
हफ्ते में मांगें नहीं मानी तो फिर कम बंद : डॉक्टर्स
डॉक्टरों ने चेताते हुए कहा है कि वे अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 7 दिन तक इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो वे फिर काम करना बंद कर देंगे। उनकी मांग है कि जान गंवाने वाली लेडी डॉक्टर को न्याय मिले और मामले में संलिप्त अधिकारियों को पदों से हटाया जाए।
ये हैं जूनियर डॉक्टरों की मांगें
- सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था की जाए।
- महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के बाद साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय कर उन्हें सजा दी जाए।
- कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल व स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम से इस्तीफा लिया जाए।
- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति खत्म हो।
- मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।
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