National Task Force, (आज समाज), नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या से उपजे आक्रोश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है।
स्वत: संज्ञान लेते हुए की मामले की सुनवाई
चीफ जस्टिस आफ इंडिया की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कई सख़्त टिप्पणियां कीं। शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से भी कड़े सवाल पूछे। सीजेआई के साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी बेंच का हिस्सा थे।
सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल तैयार करेगा टास्क फोर्स
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा बंदोबस्त के अभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स में कोर्ट ने मेडिकल कम्यूनिटी से जुड़े लोगों को शामिल किया है। साथ ही एक्शन प्लान को तय समय सीमा के अंदर लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी स्वास्थ्य सचिव, कैबिनेट सचिव, नेशनल मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन, प्रेसिडेंट नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन आदि को भी सदस्य बनाया गया है। टास्कफोर्स का काम राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल तैयार करना है।
मामले की अगली सुनवाई कल
शीर्ष कोर्ट मामले में 22 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा। अदालत ने सीबीआई को भी तब तक आरजी कर दुष्कर्म एवं हत्या के मामले की जांच के साथ ही अस्पताल पर हुए भीड़ के हमले के जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।