Chhatra Samaj-Nabanna March, (आज समाज), कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म के बाद ट्रेनी लेडी डॉक्टर की हत्या के विरोध में ‘छात्र समाज’ ने आज सचिवालय के पास ‘नबन्ना मार्च’ का कूच किया है और इस दौरान प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के चलते इलाके में चौतरफा अफरा-तफरी का माहौल है। सरकार ने मार्च को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। ड्रोन, वाटर कैनन, और आंसू गैस के गोले तक तैनात किए गए हैं। हिंसा के मद्देनजर सचिवालय के आसपास के मार्ग बंद कर दिए गए हैं। यहां 6000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नबन्ना के आसपास का इलाका किले में तब्दील कर दिया गया है। 19 जगह बैरिकेडिंग की गई है।
- ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग
- प्रदर्शन को भाजपा का भी समर्थन
- सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई
बैरिकैड़िंग तोड़े, पुलिस किया लाठीचार्ज
पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में छात्र हाथों में तिरंगा और पोस्टर लेकर सचिवालय की तरफ आगे बढ़े। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हावड़ा ब्रिज से पहले रोक दिया। यहां प्रदर्शनकारी बेरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़े, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। हावड़ा के एक तरफ भारी संख्या में पुलिस है, तो दूसरी ओर सैकड़ों की संख्या में छात्र हैं। छात्र संगठनों का आरोप है कि डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या ममता सरकार की नाकामी है।
मार्च को इसलिए दिया नबन्ना नाम
यह विरोध प्रदर्शन हावड़ा स्थित नबन्ना भवन राज्य सचिवालय के सामने किया जा रहा है। यही कारण है कि इसे नबन्ना प्रोटेस्ट नाम दिया गया है। प्रदर्शनकारियों में डॉक्टरों के संगठन भी शामिल हैं। छात्र संगठनों के साथ ही आम लोग भी प्रदर्शन में शामिल हैं और वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन को भाजपा का समर्थन भी हासिल है।
ममता सरकार ने मार्च को अवैध करार दिया
ममता सरकार ने मार्च को अवैध करार देते हुए कहा है कि उसे शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की खुफिया जानकारी मिली है। वहीं भाजपा नेता दिलीप घोष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वे दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए लोग निराश हो रहे हैं और विरोध कर रहे हैं।
हाई कोर्ट पहुंचे शुभेंदु अधिकारी
नबन्ना प्रोटेस्ट रोकने के खिलाफ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी हाई कोर्ट पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोलकाता में इमरजेंसी लागू कर दी है। छात्रों के नबन्ना अभियान को देखते हुए पुलिस ने कोलकाता में रूट डायवर्जन किया है। हावड़ा ब्रिज को भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया। सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई है।