Know who gets relief in the relief package ..जानें राहत पैकेज में किसे कितनी राहत..

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नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के कारण एक ठहराव आ गया है। कोरोना महामारी ने सबकुछ ठप कर दिया है। लॉकडाउन की वजह सेआर्थिक रूप से कई समस्याएं सामने आ रहीं है इस बड़े सकट से निपटने के लिए पीएम मोदी ने इसे अवसर कहा। उन्होंने मंगलवार को अपने संबोधन मेंकहा कि कोरोना संकट जैसी आपदा को अवसर में बदलना है। इसके लिए देश की जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर यानी 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया। इस पैकेज में किस सेक्टर में कितना मिलेगा इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने करीब आज 6 लाख करोड़ रुपये की राहत पैकेज के बारे जानकारी दी कि किस सेक्टर में कितना दिया जा रहा है। सरकार ने एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की।

2500 करोड़छोटी कंपनियों के लिए..
जिन कंपनियों के पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है उन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने निर्णया लिया। ।15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है। इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इससे 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।

-नकदी संकट से जूझ रहींबिजली वितरण कंपनियों के लिए 90000 करोड़ रु के लिक्विडिटी इंजेक्शन का प्रावधान किया गया है। ये धनराशि पीएफसी और आरईसी डालेंगी।

एनबीएफसी के लिए 75 हजार करोड़
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस ​कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के लिए 45 हजार करोड़ रुपये के लिक्विडिटी इनफ्युजन का ऐलान किया। एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीमनॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों एनबीएफसी के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है।

टीडीएस रेट में 25% की कमी
टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट। दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा।

एमएसएमई सेक्टर को 3 लाख करोड़
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को (एमएसएमई सेक्टर) को 3 लाख करोड़ के अतिरिक्त लोन का प्रावधान दिया गया। 3 लाख करोड़ रु के कोलेट्रल फ्री आॅटोमेटिक लोन की समयसीमा 4 वर्ष की होगी। पहले वर्ष मूलधन नहीं चुकाना होगा। वहीं कुटीर उद्योग इस वक्त संकट का सामना रहे हैं, उनके लिए 20000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें लगभग 2 लाख से ज्यादा एमएसएमई, कुटीर उद्योग को फायदा मिलेगा। फंड आॅफ फंड्स के जरिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले और विस्तार करने की इच्छा रखने वाले एमएसएमई को 50000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन ।