-
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करें और इस के साथ ही शनि चालीसा का पाठ करने से संकट दूर होते हैं।
आज समाज डिजिटल, अम्बाला।
Know When And Where Solar Eclipse : अप्रैल के अंतिम दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगाने जा रहा है इसलिए अप्रैल महीने की आखिरी तारीख कई मायनों में बेहद खास है। इस दिन शनिवार है और अमावस्या यानी शनिश्चरी अमावस्या भी है। इसके साथ-साथ 29 अप्रैल को शनि देव राशि बदलकर स्वराशि कुंभ राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का महत्व और खास हो जाता है। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। अगला यानी दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, 2022 को लगेगा।
Read Also : शनि अमावस्या के दिन करे उपाय Remedies Done On Day Of Shani Amavasya
सूर्य ग्रहण कब लगेगा:
साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को भारत के समयानुसार मध्यरात्रि को 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
Read Also : गर्मी राहत के लिए बनते हैं बांके बिहारी के स्पेशल फूल-बंगले Banke Bihari’s
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल तो सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से लग जाता है। मान्यता है कि सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है.भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत के समयानुसार मध्यरात्रि के बाद 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस सूर्यग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होग।
अक्षय तृतीया : भगवान विष्णु-लक्ष्मी की करें पूजा और ये करें दान Third Day Of Akshaya
कहां -कहां दिखाई देगा ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक है. इसके साथ ही यह भारत में नहीं दिखाई देगा. इसके अलावा यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका का दक्षिण-पश्चिमी भाग, अटलांटिक, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
Read Also : हर कोई माने रामभक्त हनुमान जी को Ram Bhagat Hanuman ji
सूर्य ग्रहण के बाद करें उपाय
ज्योतिष शास्त्र में सूर्यग्रहण का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। साल का पहला सूर्यग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण है फिर भी इसे प्रभावशाली माना जा रहा है। बताया जाता है कि सूर्यग्रहण के दौरान किए गए उपाय भी बहुत अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि सूर्यग्रहण के ठीक बाद धन आगमन के लिए ज्योतिष शास्त्र के उपायों को अपनाया जाना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के उपायों को अपनाया जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन उपायों से प्राप्त होने वाले धन से घर में बरकत आती है। स्नान, ध्यान और पूजा: सूर्यग्रहण की अवधि समाप्त होने के बाद स्नान करें। इसके बाद माता महालक्ष्मी को लाल रंग का पुष्प अर्पित करते हुए उनसे प्रार्थना करें कि वह आपके घर-परिवार में आएं और बरकत के रूप में हमेशा के लिए आपके घर में वास करें। साथ ही यह भी कहें कि कभी भी देवी आपसे रुष्ट ना हो।
Read Also : महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष Worship Of Mahadev Gives Salvation
Read Also : हनुमान जी ने भक्तों से जुड़ा शनिदेव ने दिया था वचन Hanuman Ji With Shani Dev
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या
इस साल वैशाख माह की अमावस्या बेहद ही खास है। शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने की वजह से इसे शनि अमावस्या जाएगा। इसके अलावा इसी दिन साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई सारे ऐसे कार्य होते हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए। इस दौरान न तो कोई पूजा की जाती है और न ही कोई अन्य कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा सभी अमावस्या में से शनि अमावस्या को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत पाने के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं :-
संकट से बचने के लिए करें ये उपाय
- सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करें और इस के साथ ही शनि चालीसा का पाठ करने से संकट दूर होते हैं।
- शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें। इसके बाद शाम के समय में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपकी समस्याएं दूर होंगी।
- ज्योतिष के अनुसार, शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक दिन ही पड़ रहे हैं। ऐसे में इस दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है।
- शनि अमावस्या के दिन पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के दौरा आप तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है और शनि दोष दूर होता है।
- सूर्य ग्रहण के दिन जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें और साथ ही स्नान करें। ग्रहण के दौरान ये भी ध्यान रखें कि खाने पीने कि चीजों में तुलसी डालकर रखें। मान्यता है ऐसा करने से खाने पीने कि चीजों में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता।
- इसके अलावा शनि अमावस्या के दिन शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय खत्म होता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple
Read Also : दुखों का भंजन करते हैं श्रीदुखभंजन Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows
Read Also : 10 Largest Hanuman Statues भारत में यहां है 10 सबसे विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमाएं
Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors
Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar
Connect With Us: Twitter Facebook