Sweet potato: गर्भावस्था के दौरान आहार में पोषण के स्तर को बढ़ाने के लिए कई हेल्दी फूड्स का सेवन किया जाता है। ताकि मां के साथ बच्चे की ग्रोथ में मदद मिल सके। दरअसल, पोषण की कमी बच्चे के अंडरवेट होने का मुख्य कारण बनने लगता है। ऐसे में आहार में उन फूड्स को शामिल करने की सलाह दी जाती है, जिससे शरीर को आयरन, फोलेट और विटामिन बी की प्राप्ति होती है। इन्हीं फूड्स में से एक है स्वीट पोटैटो जो न केवल शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी को पूरा करता है बल्कि बच्चे की ग्रोथ में मददगार साबित होता है। जानते हैं शकंरकंद को गर्भवती महिलाओं की डाइट में शामिल करने से क्या फायदे मिलते हैं ।
1. बीटा कैरोटीन यानि विटामिन ए का नेचुरल सोर्स
स्वीट पोटेटो यानि शकरकंद में कैरोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है जो विटामिन ए में कनवर्ट होकर शरीर को फायदा पहुंचाती है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के हृदय, फेफड़े, गुर्दे, स्किन, आंखों और इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में मदद मिलती है। विटामिन ए के इस रिच सोर्स से बच्चे की हेल्थ के अलावा मां का स्वास्थ्य भी उचित बना रहता है।
2. फाइबर से भरपूर
डॉ अर्चना बत्रा बताती हैं कि आहार में फाइबर की भरपूर मात्रा लेने से प्रेगनेंसी के दौरान पाचनतंत्र उचित बना रहता है। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं में बढ़ने वाली कब्ज, एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या से राहत मिल जाती है। इससे गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे गट हेल्थ को फायदा मिलता है और इनडाइजेशन से बचा जा सकता है।
3. शरीर को मिलेंगे विटामिन और मिनरल्स
वे महिलाएं जो गर्भावस्था में शकरकंद का सेवन करती हैं, उन्हें पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बना रहता है, जिससे ब्लड प्रैशर बढ़ने का जोखिम कम होने लगता है। इससे मसल्स क्रैंप्स से राहत मिलती है और मसल्स फंक्शनिंग बेहतर बनने लगती है। इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के अलावा आयरन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाती है। शरीर को आयरन की प्राप्ति होती है एनीमिया को रोकने में मदद मिलती है और ब्लड वॉल्यूम बढ़ता है।
4. कॉम्प्लेक्स कार्ब्स की प्राप्ति
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से स्पाइक्स पैदा किए बिना ऊर्जा का एक स्थिर स्रोत मिलने लगता हैं। शकरकंद को आहार में शामिल करने से शरीर को निरंतर ऊर्जा मिलती हैं, जो गर्भावस्था के दौरान आवश्यक है। इससे ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स की मदद से गैस्टेशनल डायबिटीज़ का खतरा कम हो जाता है। इसके चलते डिलीवरी के दौरान होन वाली कॉम्प्लीकेशन से बचा जा सकता है।
5. विटामिन बी 9 और फोलेट की प्राप्ति
शकरकंद के सेवन से शरीर में विटामिन बी 9 और फोलेट की उच्च मात्रा बनी रहती है। इससे फीटल ब्रेन और नर्वस सिस्टम के विकास में मदद मिलती है। साथ ही स्पाइनल कॉर्ड को डेवलप किया जा सकता है। इसके नियमित सेवन से न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से राहत मिल जाती है।