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Know Parshuram Jayanti : हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा स्वरूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम का जन्म धरती से अन्याय और पाप को खत्म करने के लिए हुआ था।
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अक्षय तृतीया का महत्व
धार्मिक दृष्टि से अक्षय तृतीया को बेहद महत्वपूर्ण तिथि शुभ माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त का योग बनता है। अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन त्रेतायुग प्रारंभ हुआ था। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के सभी पाप नष्ट होते हैं। माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर कोई भी शुभ कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है। मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान-पुण्य करने से अक्षय फल मिलता है। इस दिन सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदने से भविष्य में अधिक धन की प्राप्ति हो सकती है।
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अक्षय तृतीया के दिन करें इन चीजों का दान
ठंडी चीजें जैसे- जल से भरे घड़े, कुल्हड़, पंखे, छाता, चावल, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, सत्तू आदि का दान करना उत्तम माना जाता है।
इस शुभ दिन आप भाग्योदय के लिए कुछ खरीदना चाहते हैं तो खरीदें ये चीजें जैसे- सोना, चांदी, मिट्टी के पात्र, रेशमी वस्त्र, साड़ी, चावल, हल्दी, फूल का पौधा और शंख।
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