Categories: देश

Know Inside Story How India pushed China from Galvan: जानिए इनसाइड स्टोरी भारत ने चीन को गलवान से कैसे धकेला

राकेश सिंह । नई दिल्ली।लद्दाख में चीन को पटखनी देने के लिए भारत ने उसकी चौतरफा घेरेबंदी की थी। सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी गई और जैसे को तैसा की पूरी तैयारी थी। वहीं, आर्थिक और कूटनीतिक फ्रंट पर भारत की रणनीति के कारण ड्रैगन बैकफुट पर जाने को मजबूर हुआ। भारत ने चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया और साम, दाम, दंड और भेद की नीति का इस्तेमाल किया। पीएम नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे ने चीन समेत पूरी दुनिया को एक मजबूत संदेश दे दिया कि भारत डिगने वाला नहीं है।

चीन से पिछले तीन महीने से लद्दाख में जारी संघर्ष के बीच नई दिल्ली को कई देशों ने फोन कर मदद का भरोसा दिया। कूटनीतिक मोर्चे पर जोरदार घेरेबंदी के साथ-साथ भारत ने पेइचिंग को आर्थिक झटका भी दिया जिसके बाद उसके पांव उखड़ गए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इंडोनेशिया, आॅस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान समेत कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से बात की। सरकार का मानना है कि इन बातों से भारत को सकारात्मक नतीजे मिले। फ्रांस से बातचीत के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया था कि बातचीत के दौरान व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान मौजूदा सुरक्षा हालात और राजनीतिक महत्व पर बात हुई। फ्रांस कोविड से संबंधित चुनौतियों से निपटने में भी मदद का भरोसा दिया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के समर्थन के लिए भी फ्रांस का धन्यवाद किया।

जयशंकर लिथूनिया, इस्तोनिया, लातविया, मैक्सिको और आयरलैंड समेत कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से बात कर उनके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समर्थन के लिए धन्यवाद किया और उन्हें लद्दाख और सिक्किम में चीन की आक्रमकता के बारे में भी बताया। कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि सभी देशों में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बारे में जानकारी की जिज्ञासा थी। वे जानना चाहते थे कि भारत ने इससे निपटने के लिए क्या योजना बनाई है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि उनका मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की लद्दाख यात्रा चीनी आक्रमकता के सामने भारत के चट्टानी इरादे जता दिए। इससे सरकार का चीन और पूरी दुनिया को एक संदेश मिल गया। इस बीच, भारत और चीन के बीच विवादित इलाके से सेना हटाने के लिए सैन्य स्तर पर भी बातचीत चलती रही।

एक सरकारी सूत्र ने भारत के कूटनीतिक प्रयासों के बारे में बताया कि हमने चुपचाप लेकिन मजबूती के साथ अपना रुख दुनिया के देशों के सामने रख दिया। इसके कारण हमें समर्थन और सहानुभूति मिली। चीन का अपने कई पड़ोसियों के साथ आक्रामक रुख ने भारत के प्रयासों को ज्यादा आसान कर दिया।

इस बीच, भारत ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार अजीत डोभाल का भी इस्तेमाल कर लिया। डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दो घंटे की बातचीत में भारत का दो टूक पक्ष रख दिया। डोभाल ने इस बैठक में चीन को साफ-साफ कह दिया किया सेनाओं को पीछे हटाने का काम 6 जून को हुई बैठक के अनुसार होना चाहिए। दोनों पक्ष सीमा पर शांति के लिए पूरी तरह समहत नजर आए।

admin

Recent Posts

Ration card e-KYC : सभी राशन कार्ड धारकों के लिए e-KYC प्रक्रिया एक अनिवार्यता, जानें पूरी जानकारी

Ration card e-KYC : सरकार देश में वंचित और जरूरतमंद व्यक्तियों को किफायती दामों पर…

3 minutes ago

Bhiwani News : विशेष अवसरों पर फिजूलखर्ची की बजाय गोवंश की सेवा की पहल सराहनीय: शेखावत

मां की रस्म पगड़ी पर श्री श्याम गौ सेवा धाम में भेंट की ई रिक्शा…

9 minutes ago

Bhiwani News : संभावित दावेदारों को नपा चुनाव की घोषणा का बेसब्री से इंतजार

मार्च माह में परीक्षाओं के दौरान चुनाव करवाना प्रशासन व सरकार के लिए बन सकता…

13 minutes ago

Jind News : पटवारियों ने किया प्रदर्शन, काली पट्टी बांध किया काम

भ्रष्ट पटवारियों की सूची रद्द किए जाने की मांग को लेकर, डीसी को सौंपा ज्ञापन…

19 minutes ago

Jind News : एचकेआरएल कर्मियों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन कर सीटीएम को सौपा ज्ञापन

हटाए गए कर्मियों को वापस काम पर लेने की मांग (Jind News) जींद। सोमवार को…

24 minutes ago

Jind News : हमारी आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य मानवता को कर्म में शामिल करना : महात्मा एचएस चावला

निरंकारी सत्संग भवन में पहुंच श्रद्धालुओं को दिया आर्शीवाद (Jind News) जींद। सतगुरु माता सुदीक्षा…

28 minutes ago